सारस पर UP में संग्रामः लापता हुआ तो 'गोलू' का जिक्र छेड़ बोले अखिलेश- CM चाहें तो दे दें नाम, पर...
हालांकि, इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश के रायबरेली में क्षेत्रीय वन अधिकारी रूपेश श्रीवास्तव ने बताया कि उस सारस को आज सुबह ही परिसर में देखा गया था।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव। (फाइलः IANS/iStock)
समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने सारस के सहारे गुरुवार (23 मार्च, 2023) को भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने उत्तर प्रदेश (यूपी) के अमेठी में एक शख्स के घर से रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में छोड़े गए सारस के 'लापता' होने पर नाराजगी जाहिर की। गुरुवार (23 मार्च, 2023) को यादव ने इस बाबत कई सिलसिवार ट्वीट्स किए और कहा कि सीएम चाहें तो लापता सारस का नामकरण भी कर दें, मगर वह उसे ढूंढकर जान ज़रूर बचाएं। वह भी वैसे ही प्रिय है, जैसे सीएम को गोलू (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कुत्ता) से लगाव है।
यूपी के पूर्व सीएम ने कहा, ''यूपी के वन विभाग की ओर से अमेठी से जबरदस्ती ले जाकर रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा गया ‘बहुचर्चित सारस’ अब लापता है। यूपी के राज्य-पक्षी के प्रति ऐसी सरकारी लापरवाही गंभीर विषय है। भाजपा सरकार तत्काल सारस खोजे, नहीं तो पूरी दुनिया के पक्षी-प्रेमी आंदोलन करेंगे। शर्मनाक!'' उन्होंने सारस के 'लापता' होने की एक खबर भी अपने ट्वीट के साथ टैग की है।
जब मिल गया सारस तो BJP को यूं घेरने लगे अखिलेशबकौल सपा अध्यक्ष, ''मुख्यमंत्री जी चाहें तो लापता सारस का कोई नामकरण भी कर दें लेकिन उसे ढूंढकर उसकी जान ज़रूर बचाएं। वो सारस भी पूरे उत्तर प्रदेश को वैसे ही प्रिय है, जैसे मुख्यमंत्री जी को गोलू (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कुत्ता)।'' उन्होंने आगे लिखा, ''यूपी के पक्षी-प्रेमी ‘बी सैया’ नामक गांव को बहुत धन्यवाद जिसने सारस को बचाया, खिलाया पिलाया और वो काम कर दिखाया, जिसमें उप्र की सरकार नाकाम रही। सच तो ये है कि प्रेम से बड़ी सत्ता और कोई हो ही नहीं सकती…भाजपाई अगर समय रहते ये समझ लें तो शायद उनके अंदर की नफ़रत कुछ कम हो जाए।''
...तो यह है पूरा मामला, समझिएदरअसल, अमेठी के जामो विकास खंड के मंडखा में रहने वाले आरिफ के घर पर उनके साथ एक सारस रह रहा था। वन विभाग ने मंगलवार को उसे रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार भेज दिया था। प्रभागीय वन अधिकारी डी.एन. सिंह ने इस बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बुधवार को बताया कि विभाग की एक टीम ने आरिफ से मुलाकात कर इसके लिए सहमति ली थी। सारस को मंगलवार को रायबरेली के ऊंचाहार समसपुर पक्षी विहार भेज दिया गया और इस प्रकिया की वीडियोग्राफी भी हुई है। हालांकि, आरिफ ने अधिकारी के दावे को गलत करार दिया था। दावा किया था विभाग की टीम 'ऊपर' से मिले आदेश का हवाला देते हुए सारस को अपने साथ ले गई थी।
क्या बोली पेट्स के लिए काम करने वाली संस्था?इस बीच, पेट लवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक प्रताप राय ने टाइम्स नाउ नवभारत को बताया, "सारस के साथ जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। पशु या फिर पक्षी से रिश्ता दिल और सच्ची भावनाओं से होता है। कानून शासित नहीं। सरकार ने एक बार फिर इंसान के साथ पक्षी/पशु संबंधों के प्रति अपनी संवेदनहीनता दिखाई है। इसके रीलोकेशन (स्थानांतरण) में पता नहीं सारस बचेगा या नहीं? वन विभाग के मुख्य संरक्षक पक्षी को उस क्षेत्र में रहने की अनुमति दे सकते थे। यह बंदी पक्षी नहीं था।"
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