UAE में दो बार पकड़ा गया, दबाव डाल मुझसे कहा गया- कबूलो कि कोई और हो...भारत लौटे शख्स की आपबीती
दरअसल, शर्मा 11 अक्टूबर को पत्नी के साथ स्विजरलैंड घूमने निकले थे। उन्होंने दिल्ली से फ्लाइट ली थी। आगे आबू धाबी में फ्लाइट बदलकर उन्हें स्विजरलैंड के लिए जाना था। लेकिन आबूधाबी पुलिस ने उन्हें शक के आधार पर गिरफ्तार कर लिया। बताया गया कि उनका चेहरा वॉन्टेड अपराधी से मिलता है। आबू धाबी पुलिस ने इसके बाद उनकी पत्नी को भारत डिपोर्ट कर दिया था, जबकि शर्मा को वहीं रोक लिया गया।
उत्तर प्रदेश में नोएडा के निवासी प्रवीण कुमार को आबू धाब में गलती से गिरफ्तार कर लिया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी आबू धाबी में गलती से गिरफ्तार कर लिए एक भारतीय की सफल वतन वापसी हो गई। वहां उनके साथ इस दौरान जो कुछ हुआ, हिंदुस्तान लौटकर उन्होंने इसकी आपबीती सुनाई। प्रवीण शर्मा ने बताया, "मुझ पर दबाव बनाया गया था और यह कबूल करने के लिए कहा गया था कि मैं कोई और हूं।"
आबू धाबी में उनको दो बार हिरासत में लिया गया था और जेल में भी ले जाया गया था। हालांकि, उनकी देश वापसी पर एयरपोर्ट पर भारत माता की जय के नारे लगे और उन्होंने भारत सरकार को वापस लाने के लिए धन्यवाद दिया।
शर्मा उत्तर प्रदेश (यूपी) के गौतमबुद्ध नगर जिला में ग्रेटर नोएडा के रहने वाले हैं और वह एक सीमेंट व्यापारी हैं। शनिवार (15 अक्टूबर, 2022) की देर रात शर्मा की आबू धाबी से भारत वापसी हुई थी। एयरपोर्ट पर उन्हें परिजन लेने पहुंचे थे। जैसे ही उन पर नजर पड़ी सभी के चेहरे खिल उठे थे। इस बीच, वहां "भारत माता की जय" और "नरेंद्र मोदी जिंदाबाद" के नारे लगने लगे। घर वाले इसके बाद खुशी-खुशी उन्हें ग्रेनो में हबीबपुर अपने घर ले आए।
प्रवीण ने पत्रकारों को बताया, "सीआईडी ने मुझे एक बार एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया था और फिर मुझे जाने दिया था। बाद में दूसरी बार में मुझे तब हिरासत में लिया गया, जब मैं डिपारचर के लिए जा रहा था। उन्होंने मुझे पूरी रात अपने साथ रखा और दबाव बनाया कि मैं यह स्वीकार लूं कि मैं कोई और हूं। मुझे एक सेल (जेल की कोठरी जैसी) में सुबह रखा गया और फिर किसी और शहर ले जाया गया था। वहां मुझसे पूछताछ की गई थी। मैं पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद अदा करना चाहूंगा कि उन्होंने मेरे मामले में चट-पट कार्रवाई की।"
दरअसल, शर्मा 11 अक्टूबर को पत्नी के साथ स्विजरलैंड घूमने निकले थे। उन्होंने दिल्ली से फ्लाइट ली थी। आगे आबू धाबी में फ्लाइट बदलकर उन्हें स्विजरलैंड के लिए जाना था। लेकिन आबूधाबी पुलिस ने उन्हें शक के आधार पर गिरफ्तार कर लिया। बताया गया कि उनका चेहरा वॉन्टेड अपराधी से मिलता है। आबू धाबी पुलिस ने इसके बाद उनकी पत्नी को भारत डिपोर्ट कर दिया था, जबकि शर्मा को वहीं रोक लिया गया।
मामले की जानकारी पर परिजन ने जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर सुहास एलवाई से न्याय की गुहार लगाई। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने पत्र लिखकर विदेश मंत्रालय से प्रवीण शर्मा को रिहा करने की मांग की थी। विदेश मंत्रालय की दखल के बाद प्रवीण को आबूधाबी पुलिस ने छोड़ दिया।
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