UPA सरकार ने इंडियन इकोनॉमी को किया बर्बाद', BJP सांसद जयंत सिन्हा ने कांग्रेस पर साधा निशाना

जयंत सिन्हा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह जरूरी है कि हम लोगों के सामने यह पेश करें कि अर्थव्यवस्था में कैसे बदलाव आया है। हर क्षेत्र में कमियां थीं। अगर आज अर्थव्यवस्था चमक रही है और तेजी से आगे बढ़ रही है, तो इसकी वजह है इन 10 वर्षों में हमारी नीतियां और कार्य।

BJP सांसद जयंत सिन्हा ने कांग्रेस पर साधा निशाना

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि 2014 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के कार्यकाल के अंत तक भारतीय अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई थी। केंद्र द्वारा संसद में प्रस्तुत किए जाने वाले पेपर में उस समय मौजूद प्रत्येक क्षेत्र की कमियों को उजागर किया जाएगा। सरकार ने 1 फरवरी को प्रस्तुत केंद्रीय अंतरिम बजट में घोषणा की कि वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के 10 वर्षों के आर्थिक प्रदर्शन की तुलना भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 10 वर्षों के आर्थिक प्रदर्शन से करने के लिए एक श्वेत पत्र जारी करेगी।

UPA सरकार में आर्थिक कुप्रबंधन का था बोलबाला-जयंत सिन्हा

एएनआई से बात करते हुए, जयंत सिन्हा ने कहा, "यह जरूरी है कि हम लोगों के सामने यह पेश करें कि अर्थव्यवस्था में कैसे बदलाव आया है। हर क्षेत्र में कमियां थीं। अगर आज अर्थव्यवस्था चमक रही है और तेजी से आगे बढ़ रही है, तो इसकी वजह है इन 10 वर्षों में हमारी नीतियां और कार्य।" अपने कार्यकाल के दौरान कांग्रेस और यूपीए द्वारा आर्थिक कुप्रबंधन पर प्रकाश डालते हुए, जयंत सिन्हा ने कहा कि भारतीय आर्थिक विकास को पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत प्रयास करना पड़ा। "हमें (2014 में बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार) अर्थव्यवस्था खस्ता हालत में मिली थी। महंगाई चरम पर थी। हमें इन सभी में सुधार करना था। आज यह संतोष की बात है कि पीएम मोदी के सक्षम और साहसी नेतृत्व के कारण से हम फ्रैजाइल फाइव नहीं बल्कि टॉप फाइव अर्थव्यवस्था बन गए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व स्तर पर एक चमकता सितारा बन गई है।''

अब 10 फरवरी को समाप्त होगा बजट सत्र

जानकारी के लिए बता दें कि संसद के चल रहे बजट सत्र को शनिवार, 10 फरवरी तक एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। इस साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले आखिरी सत्र की शुरुआत संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के संबोधन के साथ हुई थी। दोनों सदनों की बैठक 31 जनवरी को हुई थी। पहले इसे 9 फरवरी को समाप्त होना था। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पिछली कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के दौरान अर्थव्यवस्था पर ' श्वेत पत्र ' पेश करने की चर्चा के बीच आया है।

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