राहुल के सुझाव को ममता ने दी मंजूरी, पर नीतीश ने उठा दिए थे सवाल, येचुरी ने भी किया इन्कार, जानिए फिर कैसे तय हुआ 'INDIA' नाम

UPA is now I.N.D.I.A: कांग्रेस ने 18 जुलाई, 2023 को बताया कि विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया रखने का सुझाव राहुल की ओर से दिया गया था। हालांकि, यह सामूहिक रूप से तय किया गया। दूसरी ओर विदुथलाई चिरुथैगल काची (वीसीके) के नेता थोल थिरुमावलवन ने बताया कि इस नाम का प्रस्ताव टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने दिया था।

विपक्षी गठबंधन का नाम ‘‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’’ है।

UPA is now I.N.D.I.A: विपक्षी मोर्चे के नए गठबंधन का नाम "इंडिया" है, जिसका मतलब या फुल फॉर्म इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस है। कांग्रेस के पूर्व चीफ राहुल गांधी ने यह नाम सुझाया था, जबकि इसका प्रस्ताव पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने रखा था। हालांकि, इस नाम पर फाइनल मुहर इतनी आसानी से नहीं लगाई जा सकी, क्योंकि अपोजीशन के कुछ बड़े और अनुभवी नेताओं ने इस पर सवाल उठाया और इस पर शुरुआती तौर पर इन्कार तक किया था।
सूत्रों की मानें तो इस नाम का सुझाव सबसे पहले राहुल की ओर से आया था, पर वह चाहते थे कि कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल इसे पहले बनर्जी से मंजूर करा लें। दीदी एक बार में इस नाम पर रजामंद हो गई थीं। उन्होंने बस इस नाम में एन (N) को लेकर यह कहा था कि इसका अर्थ नेशनल (राष्ट्रीय) के बजाय न्यू (नया) है। वैसे, डी लेटर को लेकर भी अनौपचारिक तौर पर चर्चा हुई थी कि यह डेमोक्रेटिक हो या फिर डेवपलमेंटल रखा जाए।
प्लान के मुताबिक, ममता ने इस नाम का प्रस्ताव रखा, जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी टिप्पणी की। हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सवाल उठाया कि आखिरकार किसी सियासी गठबंधन का नाम इंडिया कैसे हो सकता है। यही नहीं, आश्चर्यचकित होकर वामपंथी नेता सीताराम येचुरी, डी राजा और जी देवराजन भी तुरंत आश्वस्त नहीं हुए और बैठक के बीच में ही हंगामा करने लगे थे। येचुरी बोले थे कि वी (विक्ट्री) फॉर इंडिया या फिर वी (We) फॉर इंडिया नाम रखा जाना चाहिए, मगर कई नेताओं को यह कैंपेन स्लोगन जैसा मालूम पड़ा और ठंडे बस्ते में चला गया।
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