इंदौर के सरकारी लॉ कॉलेज में हंगामा बरपा, एक किताब बनी वजह
इंदौर का सरकारी लॉ कालेज इस समय चर्चा में है। एबीवीपी से जुड़े छात्रों का कहना है कि कॉलेज की लाइब्रेरी में कलेक्टिव वायलेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के जरिए समाज नफरत फैलाया जा रहा है।
इंदौर का सरकारी लॉ कॉलेज कलेक्टिव वायलेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम नाम की किताब की वजह से चर्चा में है। एबीवीपी से जुड़े छात्रों का कहना है कि यह इसके जरिए समाज में जहर घोलने का का किया जा रहा है। बता दें कि मामला जब बढ़ा तो किताब की लेखिका डॉ फरहत खान फरार हो गईं। हालांकि इस तरह की खबर हैं कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है और कॉलेज के प्रिंसिपल ने इस्तीफा दे दिया है जबकि 6 प्रोफेसर को पहले ही अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया गया था। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि हंगामा इतना अधिक बढ़ गया।
कलेक्टिव वायलेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पर हंगामा
एबीवीपी से जुड़े छात्रों के मुताबिक किताब में जिक्र है कि दलित और मुस्लिम दो वर्ग है इसके अलावा जो उच्च वर्ग है वो दमन करता है। इसके साथ ही विरोध करने वाले छात्रों का कहना है कि कॉलेज में पढ़ाने वाले प्रोफेसर लव जिहाद को बढ़ावा दे रहे हैं। सेना के खिलाफ बयानबाजी करते हैं। छात्राओं को अकेले में बुलाते हैं। लेक्चर के दौरान इस्लाम धर्म के बारे में ज्यादा पढ़ाते हैं। छात्रों का कहना है कि कलेक्टिव वायलेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में आरएसएस के बारे में बिना तथ्यों के जानकारी दी गई है। इसके अलावा आपत्तिजनक और देश के खिलाफ बातें लिखी गई हैं। जब यह मामला सरकार की दहलीज यानी भोपाल पहुंचा तो गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने 24 घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने कहा था कि कोई भी शख्स जो देश में रहता है,. खाता और पीता है उसे देश के खिलाफ नहीं लिखना चाहिए।
कॉलेज की लाइब्रेरी में विवादित किताबें
छात्रों का कहना है कि कॉलेज की लाइब्रेरी में तरह तरह की विवादित किताबें हैं, इनमें हिंदूओं को आतंकी बताया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लक्की आदिवाल की शिकायत के आधार पर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ इनामुर्ररहमान, शिक्षक मिर्जा मोजिज बेग, किताब की लेखिका फरहत खान के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज है। केस दर्ज होने के बाद पुलिस की टीम कॉलेज की लेखिका फरहत खान के घर भी पहुंची थी। लेकिन वो अपने घर पर नहीं मिलीं। बताया जा रहा है कि इस किताब पर पहले भी विवाद हो चुका था। लेकिन लाइब्रेरी से नहीं हटाई गई। पिछले साल जब इस किताब को लेकर विवाद हुआ था तो लेखिका ने माफी भी मांगी थी, हालांकि किताब को लाइब्रेरी से नहीं हटाया गया।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें
Online Gaming: ऑनलाइन गेमिंग विरोधी अभियान के बीच बीजेपी नेता विजय गोयल की वेबसाइट हैक
Arsh Dalla: खालिस्तानी अलगाववादी अर्श डल्ला की कनाडा में गिरफ्तारी, प्रत्यर्पण का प्रयास करेगा भारत
PM Awards: प्रधानमंत्री मोदी को अब तक रिकॉर्ड संख्या में मिले 'सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार', देख लें List
मणिपुर के जिरीबाम समेत इन छह क्षेत्रों में फिर से AFSPA लागू, हिंसा के बीच केंद्र सरकार का फैसला
ब्राजील में हो रहा जी-20 शिखर सम्मेलन कई मायनों में होगा खास, जानिए क्या-क्या मुद्दे उठेंगे
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited