पाक में अमेरिकी राजदूत ने 'आजाद कश्मीर' का किया जिक्र, भारत ने जताया कड़ा ऐतराज
पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने हाल ही में पीओके का दौरा किया था। भारत सरकार ने उस विजिट पर अमेरिका के साथ कड़ा ऐतराज दर्ज कराया है।
पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत
अतंरराष्ट्रीय राजनीति में एक देश दूसरे के खिलाफ तरह तरह के हथकंडों का इस्तेमाल करते हैं ताकि उनका दबाव बना रहे हैं। अगर आप अमेरिका, भारत, पाकिस्तान और चीन के संबंध को देखें तो उतार चढ़ाव का दौर दिखाई देता रहा है। जम्मू-कश्मीर का एक हिस्सा जिसे पाकिस्तान अपना बताता वो इस वजह से चर्चा में है क्योंकि पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने इस हफ्ते दौरा किया था। उनके इस दौरे पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि अमेरिकी राजनयिक को यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू कश्मीर का हिस्सा आजाद कश्मीर नहीं है बल्कि पाकिस्तान का अनधिकृत कब्जा है। बता दें कि अमेरिकी राजनयिक पाकिस्तान के साथ आर्थिक ,सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए पीओके के दौरे पर थे।
इल्हाम ओमर भी कर चुकी हैं विवादित टिप्पणी
डोनाल्ड ब्लोम ऐसे दूसरे सबसे वरिष्ठ राजनयिक हैं जिन्होंने पाक अधिकृत कश्मीर का दौरा किया था। इससे पहले इल्हान ओमर ने अप्रैल के महीने में जम्मू कश्मीर दौरे के बाद जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन का मामला उठाया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने डोनाल्ड ब्लोम के पीओके के दौरे और लोगों से मुलाकात पर सख्त ऐतराज है। भारत सरकार ने अपनी आपत्ति अमेरिका से दर्ज भी करा दी है। भारत को परेशान करने वाली बात यह है कि अमेरिकी राजनयिक ने पाकिस्तान सेना के 12वीं इंफैंट्री डिविजन के अधिकारियों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि मकसद लोगों को सहयोग के लिए कहना था। इसके साथ ही पीओके के प्राइम मिनिस्टर तनवीर इल्यास से भी मुलाकात की थी।
भारत ने जताया ऐतराज
पिछले कुछ महीनों में यह दूसरी बार है जब भारत की सुरक्षा को उठाते हुए सरकार ने अमेरिका से आपत्ति दर्ज कराई है। हाल ही में जब एफ-16 प्रोजेक्ट कार्यक्रम के तहत बाइडेन प्रशासन ने पाकिस्तान को 450 मिलियन डॉलर दिया तो विदेश मंत्री डॉ एस जयशकंर ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अमेरिका को पता होना चाहिए कि इसकी तैनाती कहां हुई है और अमेरिका को क्या मिला है। भारत के जबरदस्त विरोध के बाद अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रिया आई की एफ-16 प्रोजेक्ट के लिए मदद काउंटर टेररिज्म से लड़ने के लिए है।
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टाइम्स नाउ नवभारत author
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