भारत ने मणिपुर में कथित 'मानवाधिकार हनन' पर US Report को किया खारिज, बताया-'गहरा पक्षपातपूर्ण'

Human Rights Abuse In Manipur: विदेश मंत्रालय (MEA) ने पिछले साल मणिपुर में भड़की हिंसा के दौरान कथित "मानवाधिकार हनन" पर अमेरिकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया।

US on Human Rights Abuse In Manipur

भारत में मानवाधिकार पर अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज

मुख्य बातें
  1. अमेरिकी रिपोर्ट में पिछले साल मणिपुर में भड़की हिंसा के दौरान "महत्वपूर्ण मानवाधिकारों के हनन" का उल्लेख
  2. विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट को गहरा पक्षपातपूर्ण बताया, कहा ये भारत की खराब समझ को दर्शाता है
  3. विदेश मंत्रालय ने कहा-हम इसे कोई महत्व नहीं देते हैं और आपसे भी ऐसा करने का आग्रह करते हैं

भारत ने गुरुवार को भारत में मानवाधिकार पर अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया, अमेरिकी रिपोर्ट में पिछले साल मणिपुर में भड़की हिंसा के दौरान "महत्वपूर्ण मानवाधिकारों के हनन" का उल्लेख किया गया था। विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट को "गहरा पक्षपातपूर्ण" (deeply biased) बताया और "भारत की खराब समझ (reflects a poor understanding of India) को दर्शाता है।"

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एमईए के दैनिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा, "यह रिपोर्ट गहराई से पक्षपातपूर्ण है और भारत की खराब समझ को दर्शाती है। हम इसे कोई महत्व नहीं देते हैं और आपसे भी ऐसा करने का आग्रह करते हैं।"

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अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट, "मानवाधिकार प्रथाओं पर 2023 देश रिपोर्ट: भारत" (2023 Country Reports on Human Rights Practices: India) में आरोप लगाया गया कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के परिणामस्वरूप "महत्वपूर्ण मानवाधिकारों का दुरुपयोग" हुआ। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हिंसा के बीच कम से कम 175 लोग मारे गए और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए।

विदेश मंत्रालय ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और संयुक्त राज्य अमेरिका के अन्य विश्वविद्यालयों में फ़िलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों (pro-Palestine protests) का भी जवाब दिया। इस मामले पर बोलते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि भारत ने उस घटना पर ध्यान दिया है जिसने fellow democracy में गति पकड़ी है।

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उन्होंने कहा, "हमने मामले पर रिपोर्ट देखी हैं और संबंधित घटनाओं पर नजर रख रहे हैं। हर लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जिम्मेदारी की भावना और सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था के बीच सही संतुलन होना चाहिए।"

"विशेष रूप से लोकतंत्रों को अन्य साथी लोकतंत्रों के संबंध में इस समझ को प्रदर्शित करना चाहिए"

अमेरिका पर निशाना साधते हुए, जयसवाल ने आगे कहा, "विशेष रूप से लोकतंत्रों को अन्य साथी लोकतंत्रों के संबंध में इस समझ को प्रदर्शित करना चाहिए। आखिरकार, हम सभी का मूल्यांकन इस बात से किया जाता है कि हम घर पर क्या करते हैं, न कि हम विदेश में क्या कहते हैं।"

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