Video: बटन दबाते ही दुश्मन खत्म, America देगा भारत को भयंकर हथियार; PM मोदी करेंगे डील साइन!
प्रिडेटर ड्रोन काफी घातक हथियार है। कई सफल मिशन को अंजाम दे चुका है। पिछले साल जुलाई में अमेरिका ने इस ड्रोन से काबुल में बैठे अल-कायदा आंतकी अयमान अल-जवाहिरी को मारा था।
पीएम मोदी इस अमेरिका यात्रा के दौरान हथियारों की एक बहुत बड़ी डील साइन करने वाले हैं। राष्ट्रपति बाइडन की ये पूरी कोशिश रहेगी कि पीएम मोदी INDUS-X नाम की इस डील को फाइनल कर दें। इस डील के फाइनल होने के बाद भारत को कई घातक हथियार मिल जाएंगे।
क्या है ये रक्षा डील
ये डील iCET यानी इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग के तहत आती है। इसमें डिफेंस सेक्टर से जुड़ी तकनीक को दूसरे देश को ट्रांसफर किया जाता है। इस डील में सबसे ज़्यादा चर्चा फाइटर जेट में इस्तेमाल होने वाले GE-414 जेट इंजन की है। अमेरिका इस जेट इंजन की टेक्नॉलाजी भारत को देगा और उसके बाद भारत में तेजस जैसे Light combat aircraft की ताकत बहुत बढ़ जाएगी। इस इंजन में TEDBF यानी ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर तकनीक है जो तेजस को एडवांस एक एडवांस फाइटर जेट बना देगा। इस डिफेंस डील में भारत में 350 फाइटर जेट के लिए समझौता होगा ,जिसमें अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक्स और भारतीय कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स बीच डील साइन होगी।
दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार
इस डील में दूसरा सबसे बड़ा हथियार MQ-9 B आर्म्ड ड्रोन है, जिसे दुनिया का मोस्ट एडवांस्ड ड्रोन कहा जाता है। ये तय वक्त में जमीन और समंदर दोनों में मिलिट्री मिशन को अंजाम दे सकता है। ये ड्रोन एक घंटे में 482 किलोमीटर उड़ सकता है। इसके पंखों की लंबाई 65 फीट और ऊंचाई 12 फीट होती है। ये फुली रिमोट कंट्रोल्ड ड्रोन है। जो करीब 35 घंटे हवा में रह सकता है। ये एक बार उड़ान भरने के बाद 1900 किलोमीटर इलाके की निगरानी कर सकता है। इसे ऑपरेट करने लिए दो लोगों की जरूरत पड़ती है। पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान इस ड्रोन की करीब 25 हजार करोड़ रुपए की डील होने की संभावना है। जिसमें तीनों सेनाओं के लिए 30 ड्रोन खरीदने की प्लानिंग हैं।
कई सफल मिशन को पूरा कर चुका है ये ड्रोन
प्रिडेटर ड्रोन काफी घातक हथियार है। कई सफल मिशन को अंजाम दे चुका है। पिछले साल जुलाई में अमेरिका ने इस ड्रोन से काबुल में बैठे अल-कायदा आंतकी अयमान अल-जवाहिरी को मारा था। इस ड्रोन पर हेलफायर मिसाइल को लोड किया था, जिसने टारगेट करके जवाहिरी के घर को उड़ा दिया। इसके अलावा 2011 में ओसामा बिन लादेन को खोजने के लिए भी इसी ड्रोन का इस्तेमाल किया था। हालांकि तब इसका पुराना वर्जन इस्तेमाल किया गया था, लेकिन भारत जिस वर्जन को खरीदने जा रहा है वो मोस्ट एडवांस ड्रोन होगा।
भारत को कितना फायदा
इस ड्रोन की मदद समय आने पर भारत, बिन सैनिक भेजे कश्मीर में बैठे-बैठे PoK के आतंकी अड्ढों को तबाह कर सकता है। LAC पर चीन की हरकतों को जवाब दे सकता है। ये ड्रोन भारत की अटैकिंग पॉवर को बहुत बढ़ाने वाला साबित होगा। भारत भी इस प्रीडेटर ड्रोन को खरीदना चाहता है कि क्योंकि 2020 में भारतीय नौसेना ने इसकी ताक़त को करीब से देखा था। साल 2020 में भारतीय नौसेना ने अपनी खुफिया और निगरानी ताकत बढ़ाने के लिए अमेरिका से MQ-9B SeaGuardian ड्रोन की एक जोड़ी लीज पर ली थी। इस ड्रोन ने भारतीय नौसेना को हिंद महासागर पर कड़ी नजर रखने में मदद की है। चीन की चालों पर नजर रखने के लिए ये बहुत कमाल का हथियार है। इसलिए अमेरिका भी चाहता है कि भारत के पास ये ड्रोन हथियार हों।
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