हाल-ए-यूपीः जीवित को मर्डर केस में बता दिया मृत, SC में सुनवाई के बीच बोला लड़का- अरे, मैं तो जिंदा हूं...

अभय के अनुसार, "मैं सुरक्षित हूं और अपने दादा-दादी के साथ रह रहा हूं। पुलिस हमारे घर आती रहती है और मेरे दादा-दादी को धमकाती रहती है। मैं उनके साथ रहना जारी रखना चाहता हूं और इसलिए चाहता हूं कि मामला बंद कर दिया जाए।"

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

"मैं मरा नहीं हूं...जिंदा हूं। हां, मैं जीवित हूं।" कोर्टरूम के भीतर ये बातें एक लड़के को तब कहनी पड़ी, जब उसे हत्या के एक मामले मृत करार दे दिया गया था। यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के पीलीभीत का है। 11 साल के अभय सिंह को फर्जी मर्डर केस में मृत घोषित कर दिया गया था। पुलिस की ओर से इस बाबत केस भी दर्ज किया गया, मगर शुक्रवार (10 नवंबर, 2023) को सुप्रीम कोर्ट में इस केस की सुनवाई के दौरान वह न सिर्फ हाजिर हुआ बल्कि अदालत के सामने यह भी तथ्य रखा कि वह जिंदा है और जिस हत्या के मामले में उसे मृत बताया गया है, वह पूरी तरह से फर्जी है।

सर्वोच्च अदालत की खंडपीठ के सामने उसने खड़े होकर बताया, ''मैं जिंदा हूं।'' पूरे मामले को ध्यान में रखते हुए अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार, पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक और न्यूरिया पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने अधिकारियों को अगले आदेश तक लड़के और उसके दादा के खिलाफ कोई भी कठोर कदम नहीं उठाने का भी निर्देश दिया है।

अभय के अनुसार, "मैं सुरक्षित हूं और अपने दादा-दादी के साथ रह रहा हूं। पुलिस हमारे घर आती रहती है और मेरे दादा-दादी को धमकाती रहती है। मैं उनके साथ रहना जारी रखना चाहता हूं और इसलिए चाहता हूं कि मामला बंद कर दिया जाए।" लड़के के वकील कुलदीप जौहरी ने बताया कि लड़का 2013 से अपने नाना के साथ रह रहा था क्योंकि उसके पिता उसकी मां को पीटते थे और अधिक दहेज की मांग करते थे।

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