Joshimath : जोशीमठ में अब बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर सामने आईं दरारें, प्रशासन ने कहा- डरने की जरूरत नहीं
Badrinath national highway : अब जोशीमठ में बद्रीनाथ राजमार्ग पर एक से दो मीटर की दरारें सामने आई हैं। सड़क में आई दरारें देखकर लोग डरे हुए हैं। जिले के अधिकारियों का कहना है कि लोगों को इन दरारों से डरने की जरूरत नहीं है और मई में शुरू होने वाली बद्रीनाथ यात्रा से पहले इन्हें मरम्मत कर ठीक कर लिया जाएगा।
जोशीमठ में नेशनल हाईवे पर दिखीं दरारें।
Badrinath national highway : अब जोशीमठ में बद्रीनाथ राजमार्ग पर एक से दो मीटर की दरारें सामने आई हैं। सड़क में आई दरारें देखकर लोग डरे हुए हैं। जिले के अधिकारियों का कहना है कि लोगों को इन दरारों से डरने की जरूरत नहीं है और मई में शुरू होने वाली बद्रीनाथ यात्रा से पहले इन्हें मरम्मत कर ठीक कर लिया जाएगा। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि जोशीमठ में बद्रीनाथ हाईवे पर भू-धसान सामने आया है, सरकार इसे देख रही है।
उन्होंने बताया, 'जोशीमठ डूब नहीं रहा है। जोशीमठ में केवल वही इलाके प्रभावित हुए हैं जहां लोगों ने अपने घरों में सेप्टिक टैंक बनाए थे और पानी की निकासी के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की थी।'
सड़क में आई दरार पर चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि सड़क पर जिस जगह दरारें आई हैं, उस स्थान का निरीक्षण सीबीआरआई की टीम ने किया है। सड़क में ये दरारें स्थानीय कामकाज की वजह से आई हैं।
बता दें कि जोशीमठ में जमीन धसने की वजह से स्थानीय लोग दहशत में हैं। कई घरों, इमारतों एवं सड़कों में दरारें आने के बाद प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। जोशीमठ में पुनर्वास एवं राहत के लिए सरकार की तरफ से 3.62 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। ये राशि 242 परिवारों को अंतरिम राहत के रूप में दी गई है।
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉक्टर रंजीत सिन्हा का कहना है कि गत छह जनवरी को पानी का रिसाव जो प्रति मिनट 540 लीटर था, वह अब घटकर प्रति मिनट 136 लीटर हो गया है। रूड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान द्वारा सोमवार को जोशीमठ भूधंसाव विस्थापितों के लिए ‘मॉडल प्री फैब शेल्टर’ का निर्माण कार्य आरम्भ कर दिया गया। सिन्हा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि जोशीमठ के पास स्थित एचडीआरआई में उद्यान विभाग की भूमि पर एक शयनकक्ष, हॉल और रसोई वाली इकाइयों से लेकर तीन शयनकक्ष, हॉल और रसोई वाले मकान बनाए जाएंगे। इसके अलावा, चमोली जिले के ढाक गांव में भी ऐसे ‘मॉडल प्री फैब शेल्टर’ निर्माण हेतु भूमि का चयन होने के बाद भूमि समतलीकरण, बिजली, पानी, सीवर आदि की व्यवस्था की जा रही है।
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