Joshimath के रास्ते क्या जोखिमभरी हो सकती है Char Dham Yatra 2023? समझें- क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

Char Dham Yatra 2023: हालांकि, उत्तराखंड सरकार इस यात्रा को लेकर जोर-शोर से तैयारियां कर रही है और वह यात्रा से जुड़ी तारीखें भी घोषित कर चुकी है। पिछले साल चार धाम यात्रा पर लगभग 16 लाख लोग गए थे, जबकि राज्य सरकार के अफसरों ने संभावना जताई है कि इस साल पिछले साल का रिकॉर्ड (45 लाख लोगों ने तब दर्शन किए थे) भी टूट जाएगा।

Char Dham Yatra 2023: उत्तराखंड का जोशीमठ शहर चार धाम यात्रा के लिए एक गेटवे है। यही वजह है कि एक्सपर्ट्स इस रूट से होने वाली यात्रा को लेकर चिंतित हैं। वे इस बार इसे जोखिमभरा मान रहे हैं। आइए, समझते हैं कि ऐसा क्यों है?:
दरअसल, यात्रा के चालू होने से पहले कम से कम 10 प्वॉइंट्स पर ताजा दरारें देखने को मिली हैं। जानकारों का मानना है कि इस स्थिति में चार धाम यात्रा को कराना सही नहीं रहेगा और यह जोखिम भरा हो सकता है। धंसाव क्षेत्र वाले इलाके में विस्तृत शोध करने वाले सीनियर जियोलॉजिस्ट एसपी सती ने बताया- हमें यह समझने और स्वीकारने की जरूरत है कि जोशीमठ में वाकई में बड़ी समस्या है।
हमारे सहयोगी अंग्रेजी अखबार टीओआई की रिपोर्ट में उनके हवाले से बताया गया, "पूर्ण रूप से यात्रा कराना जोखिमभरा हो सकता है। खासकर बद्रीनाथ धाम के मामले में, जहां मंदिर पहुंचने के लिए हाईवे ही इकलौता रास्ता है। हम इस बात को समझें और एक खास जगह पर बड़ी आबादी जुटाकर दबाव न डलवाएं।"
नाम न बताने की शर्त पर एक अन्य जियोलॉजिस्ट ने कहा- जब तक हम उस पूरे इलाके की (जहां दरारें आईं और हिस्सा धंसा) विस्तृत जियोलॉजिकल स्टडी नहीं कर लेते और धंसाव के पीछे का कारण नहीं पता लेते तब तक हमें वहां लोगों को वापस लौटाने से बचना चाहिए।
वैसे, जो रास्ता बद्रीनाथ को जोड़ता है, उस हाईवे पर हाल में बड़ी-बड़ी दरारें देखने को मिली थीं। स्थानीयों लोगों ने कहा कि ये दरारें जोशमीठ और मारवाड़ी के 10 किमी लंबे स्ट्रेच के बीच में आईं। जोशीमठ के लोगों के मुताबिक, रविग्राम निगम वॉर्ड में 'जीरो बेंड' के पास हाईवे के एक छोटे हिस्से पर भी धंसाव देखने को मिला था।
हालांकि, उत्तराखंड सरकार इस यात्रा को लेकर जोर-शोर से तैयारियां कर रही है और वह यात्रा से जुड़ी तारीखें भी घोषित कर चुकी है। पिछले साल चार धाम यात्रा पर लगभग 16 लाख लोग गए थे, जबकि राज्य सरकार के अफसरों ने संभावना जताई है कि इस साल पिछले साल का रिकॉर्ड (45 लाख लोगों ने तब दर्शन किए थे) भी टूट जाएगा।
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अभिषेक गुप्ता author

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