उत्तरकाशी में छठे दिन रुका ऑपरेशनः ड्रिलिंग के बीच आने लगी थी सुरंग से दरकने की आवाज, रेस्क्यू टीम में फैली दहशत

Uttarkashi Tunnel Collapse: दरअसल, चारधाम परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर के मुहाने से 270 मीटर अंदर एक हिस्सा रविवार सुबह ढह गया था जिसके बाद से उसमें फंसे 40 श्रमिकों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में जिस जगह टनल हादसा हुआ, वहां छठे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन रुक गया।

Uttarkashi Tunnel Collapse: पहाड़ी सूबे उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे (सिलक्यारा सुरंग में) से जुड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन छठे दिन रुक गया। अधिकारियों के अनुसार, इसे (ड्रिलिंग से जुड़ा काम) दो बजकर 45 मिनट के बाद रोकना पड़ा था। नेशनल हाइवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) की ओर से जारी बयान में बताया गया, "खुदाई के दौरान लगभग 2:45 बजे अधिकारियों और सुरंग के अंदर काम कर रही टीम को बड़े पैमाने पर क्रैकिंग (कुछ दरकने) की आवाज सुनाई दी थी। ऐसे में सुरंग में और साथ ही काम कर रही टीम में दहशत की स्थिति पैदा हो गई थी।"

एनएचआईडीसीएल की ओर से यह भी कहा गया कि इस बात की प्रबल आशंका है कि आगे और हिस्सा ढह सकता है। ऐसे में पाइप धकेलने की गतिविधि फिलहाल रोक दी गई है। वैसे, इस स्थिति से निपटने के लिए इसके बाद अधिकारियों और एक्सपर्ट्स की एक बैठक बुलाई गई।

uttarkashi tunnel collapse 1

तस्वीर साभार : AP

एनएचआइडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खाल्को ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि डीजल से चलने से ड्रिलिंग मशीन की गति धीमी है। बीच-बीच में इसको रोकना भी पड़ता है क्योंकि भारी मशीन में कंपन होने से मलबा गिरने का खतरा हो सकता है। वे एक रणनीति से काम कर रहे हैं लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि बीच में कुछ गलत न हो जाए।

End Of Feed