Uttarakhand Tunnel: उत्तराखंड के टनल में फंसे मजदूरों के लिए की गई लैंडलाइन की व्यवस्था, BSNL ने लगाया कनेक्शन
Uttarakhand Tunnel: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने शनिवार को कहा कि उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए जारी बचाव अभियान में समय लग सकता है क्योंकि ऑगर मशीन में बार-बार खराबी आ रही है।
टनल में फंसे मजदूरों के लिए टेलीफोन की व्यवस्था की गई
Uttarakhand Tunnel: उत्तराखंड की सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए अब लैंडलाइन की व्यवस्था की गई है। ताकि पिछले 13 दिन से सुरंग में फंसे मजदूर अपने परिजनों से बात कर सकें। इसके लिए बकायदा बीएसएनएल ने टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित कर दिया है।
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अंदर भेजा जाएगा फोन
बीएसएनएल के उप महाप्रबंधक (डीजीएम) राकेश चौधरी ने कहा कि एक्सचेंज सिलक्यारा सुरंग से 200 मीटर दूर स्थापित किया गया है। उन्होंने पीटीआई को बताया- "हमने एक टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित किया है। हम उन्हें भोजन भेजने के लिए इस्तेमाल होने वाले पाइप के माध्यम से लाइन से जुड़ा एक फोन देंगे। इस फोन में इनकमिंग और आउटगोइंग सुविधाएं होंगी। वे अपने परिवार से बात कर सकते हैं।"
बचाव अभियान में लग सकता है समय
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने शनिवार को कहा कि उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए जारी बचाव अभियान में समय लग सकता है क्योंकि ऑगर मशीन में बार-बार खराबी आ रही है। बचाव कार्यों की प्रगति के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए एनडीएमए सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने में समय लगेगा क्योंकि सब कुछ बहुत सावधानी से करना होगा।
कई विकल्पों पर काम
एनडीएमए सदस्य ने कहा कि बहुत मुश्किल अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दो विधियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन एक तीसरी विधि यानी ‘ड्रिफ्ट’ विधि का भी जल्द ही इस्तेमाल किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि ड्रिलिंग में इस्तेमाल की जा रही ऑगर मशीन खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि बचाव दल वर्टिकल ड्रिलिंग और हाथ से ड्रिलिंग सहित अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
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