Uttarakhand Tunnel: जल्द पूरा करना होगा सुरंग में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू, वर्ना हो सकती है बड़ी मुश्किल!
Uttarakhand Tunnel: पहली मशीन जब खराब हुई तो दिल्ली से वायुसेना के विमान से मशीन भेजी गई, इसके बाद जब आज वो भी खराब हो गई तो इंदौर से वायुसेना के विमान से ही मशीन मंगवाई गई। अबतक कई मशीनों का यूज हो चुका है, लेकिन फिर भी मलबे को भेदा नहीं जा सका है।
Uttarakhand Tunnel: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग हादसे के बाद उसमें फंसे मजदूरों को निकालने के लिए आज छठे दिन भी प्रयास किए गए। अभी तक एक भी मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। उनके पास किसी तरह से खाने-पीने की मदद पहुंच रही है। आज छठे दिन भी मलबे को ड्रील करने में कामयाबी हाथ नही लगी। किसी न किसी वजह से यह ड्रिलिंग रोकनी पड़ रही है।
मशीन पर मशीन खराब
पहली मशीन जब खराब हुई तो दिल्ली से वायुसेना के विमान से मशीन भेजी गई, इसके बाद जब आज वो भी खराब हो गई तो इंदौर से वायुसेना के विमान से ही मशीन मंगवाई गई। अबतक कई मशीनों का यूज हो चुका है, लेकिन फिर भी मलबे को भेदा नहीं जा सका है।
मुश्किलों का सामना
उत्तरकाशी में पिछले 6 दिनों से टनल में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए कई रेस्क्यू टीमें युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं। 12 नवंबर यानी दिवाली के दिन जब ये हादसा हुआ था तभी से ये सभी लोग टनल से निकलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। फिलहाल 24 मीटर तक ड्रिल के काम को पूरा कर लिया गया है। लेकिन फिर से कुछ मुश्किलें आने लगी हैं, टनल में लगे सरिये की वजह से खुदाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
करना होगा जल्द रेस्क्यू
अगर जल्द रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा नहीं होता है तो इन मजदूरों को कई परेशानी होनी शुरू हो सकती है। इन परेशानियों में मुख्य तौर पर लगातार ऑक्सीजन की कमी से बेहोश होना, खाने की कमी से हालत बिगड़ना, लाइट और ठंड की वजह से हाइपोथर्मिया की समस्या आ सकती है।
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