Uttarakhand Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंचा 6 इंच का पाइप, अब मिल सकेगा बढ़िया खाना

Uttarakhand Tunnel Rescue Operation: सुरंग के बंद हिस्से में 6 इंच की पाइप लाइन बिछाकर सेकेंडरी लाइफ लाइन बनाने के लिए ड्रिलिंग पूरी करके मलबे के आरपार 53 मीटर लंबी पाइपलाइन डाली गई है।

uttarakhand tunnel

उत्तराखंड टनल रेस्क्यू ऑपरेशन में मिली बड़ी सफलता

Uttarakhand Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए आज 9वें दिन बड़ी राहत मिली। मजदूरों तक छह इंच वाली पाइप पहुंच गई है, जिसके माध्यम से अब उन्हें अच्छा खाना मिल सकेगा, जिससे उन्हें सुरंग के अंदर रेस्क्यू पहुंचने तक सेफ रहने में काफी मदद मिलेगी।

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चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श

फंसे हुए श्रमिकों के सामने आने वाली चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए, अधिकारियों ने उनकी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक विशेष आहार योजना तैयार करने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श किया। आज, इस महत्वपूर्ण समय के दौरान श्रमिकों को सहारा देने के लिए मूंग की खिचड़ी की आपूर्ति पाइप से भेजी जाएगी। बचाव अधिकारियों ने फंसे हुए व्यक्तियों को पोषण प्रदान करने के लिए चरणबद्ध तरीके से योजना बनाई गई है। प्रारंभ में, सीलबंद बोतलों में फलों के साथ हल्का भोजन इसके जरिए भेजा जाएगा।

53 मीटर लंबी पाइपलाइन

मिली जानकारी के अनुसार सुरंग के बंद हिस्से में 6 इंच की पाइप लाइन बिछाकर सेकेंडरी लाइफ लाइन बनाने के लिए ड्रिलिंग पूरी करके मलबे के आरपार 53 मीटर लंबी पाइपलाइन डाली गई है। सोमवार शाम करीब साढ़े चार बजे एनएचएआईडीसीएल के निदेशक अंशुमनीष खलखो, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला और टनल के भीतर संचालित रेस्क्यू अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने मीडिया को अहम जानकारियां दी।

पहली बार बड़ी कामयाबी

उन्होंने बताया कि नौ दिनों से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में पहली बार बड़ी कामयाबी मिली है। इसके बाद श्रमिकों को जल्द सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास तेज होंगे। श्रमिकों के जीवन की रक्षा के लिए अब तक 4 इंच की पाइपलाइन ही लाइफलाइन बनी थी। अब सेकेंडरी लाइफ लाइन के तौर पर छह इंच व्यास की पाइप लाइन मलबे के आरपार बिछा दिए जाने के बाद श्रमिकों तक बड़े आकार की सामग्री, खाद्य पदार्थ, दवाईयों समेत अन्य जरूरी सामान भेजे जा सकेंगे। इस खबर के बाद श्रमिकों और उनके परिजनों ने खुशी जाहिर की। इसी बीच उत्तराखंड शासन के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने परियोजना और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सुरंग का निरीक्षण कर रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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