सिल्क्यारा सुरंग हादसा: मजदूरों को बचाने के अब 4 रास्ते और क्या है प्रोटेक्शन अंब्रेला? जिससे होगी रेस्क्यू टीम की सुरक्षा
Uttarkashi tunnel collapse: ऑगर मशीन का 45 मीटर हिस्सा 800 मिमी पाइप के भीतर फंस गया। बचाव दलों ने 20 मीटर हिस्सा तो गैस कटर से काटकर बाहर निकाल लिया लेकिन बचे हुए 25 मीटर हिस्से को काटने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया है।
उत्तरकाशी टनल हादसा
Uttarkashi tunnel collapse: उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों का इंतजार बढ़ता जा रहा है। ड्रिल करने वाली अमेरिकी ऑगर मशीन के टूट जाने के बाद मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में व्यवधान आ गया था, जिसके बाद पहले ऑगर मशीन के टूटे हुए हिस्से को बाहर निकालना होगा, इसके लिए मैनुअल ड्रिलिंग योजना पर काम किया जा रहा है। हालांकि, मजदूरों को बाहर निकालने के साथ ही एक्सपर्ट के सामने रेस्क्यू टीम की सुरक्षा भी बड़ी चुनौती है।
दूसरी तरफ सिलक्यारा सुरंग के प्रवेश द्वार पर शनिवार से रिस रहे पानी ने सबकी चिंताएं बढ़ा दीं हैं, लेकिन अधिकारी इसे सामान्य घटना मान रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सुरंग के अंदर काम कर रहे बचाव दल के कर्मियों के लिए 'प्रोटेक्शन अंब्रेला' बनाया जा रहा है। फिलहाल इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन माना जा रहा है कि बचाव टीम की सुरक्षा के लिए इसे बनाया जा रहा है।
ऑगर मशीन का 45 मीटर हिस्सा सुरंग में फंसा
अधिकारियों ने बताया कि ड्रिलिंग के दौरान अमेरिकी ऑगर मशीन अवरोधक की जद में आने से टूट गई और उसका 45 मीटर हिस्सा 800 मिमी पाइप के भीतर फंस गया। उन्होंने बताया कि बचाव दलों ने 20 मीटर हिस्सा तो गैस कटर से काटकर बाहर निकाल लिया लेकिन बचे हुए 25 मीटर हिस्से को काटने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया है। इससे अभियान के पूरा होने में लगने वाला समय बढ़ गया है । सिलक्यारा में अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स की देखरेख में चल रहे अभियान में विशेषज्ञ वर्टिकल ड्रिलिंग को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं। प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ने कहा कि वर्टिकल ड्रिलिंग भी एक विकल्प है लेकिन संभव है कि वह अंतिम विकल्प हो।
इन 4 प्लान पर हो रहा काम
1- अधिकारियों ने रविवार को बताया कि फंसे मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने की पहली योजना में ऑगर मशीन के फंसे हिस्से को काटकर निकाला जाएगा जिसके बाद मजदूर छोटे उपकरणों के जरिए हाथों से खुदाई कर मलबा निकालेंगे।
2- दूसरी योजना में सुरंग के ऊपरी क्षेत्र में 82 मीटर की लंबवत खुदाई की जाएगी और इसके लिए मशीन का प्लेटफॉर्म तैयार कर लिया गया है तथा मशीन के एक हिस्से को वहां पहुंचा भी दिया गया है। उनके मुताबिक, इस योजना पर रविवार को काम शुरू हो सकता है।
3- अधिकारियों ने बताया कि तीसरी योजना के तहत सुरंग के बड़कोट छोर की ओर से खुदाई का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और यह करीब 500 मीटर का हिस्सा है और इस अभियान में भी 12 से 13 दिन लगने का अनुमान है।
4- चौथी योजना में सुरंग के दोनों किनारों पर समानांतर (क्षैतिज) ड्रिलिंग की जाएगी और इसका सर्वेक्षण हो चुका है तथा रविवार को इस योजना पर भी काम शुरू किया जा सकता है।
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