Silkyara Tunnel Rescue: निकाल लिए गए सभी 41 मजदूर, श्रमिकों के परिवार ने सरकार को थैंक्स कहा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे रहे सभी श्रमिकों को राज्य सरकार एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी।
Silkyara Tunnel Rescue: निकाल लिए गए सभी 41 मजदूर, श्रमिकों के परिवार ने सरकार को थैंक्स कहा
Silkyara Tunnel Rescue: उत्तराखंड की सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों अब बाहर आ गए हैं। सुरंग में ही एक अस्थायी मेडिकल कैंप लगाया गया है। जहां टनल से निकालने के तुरंत बाद मजदूरों की जांच की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उत्तराखंड में एक निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के सफल अभियान की सराहना की और कहा कि मिशन में शामिल सभी लोगों ने मानवता और एक दल के रूप में काम करने का अद्भुत उदाहरण पेश किया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे रहे सभी श्रमिकों को राज्य सरकार एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। जानिए पल-पल का अपडेट।
हमने आज दिवाली मनाई है- श्रमिक की मां ने कहा
लखीमपुर खीरी के सिल्कयारा सुरंग से बचाए गए श्रमिक मंजीत की मां ने कहा कि हम बहुत खुश हैं, हमने आज दिवाली मनाई है। हमारा एक ही बेटा है। 17 दिन कैसे बीते हैं यह सिर्फ भगवान जानते हैं। 17 दिन हमारे लिए अंधेरा था, आज उजाला हुआ है। मैं केंद्र और राज्य सरकार का धन्यवाद करती हूं।श्रमिकों के परिवार ने सरकार को थैंक्स कहा
पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में उत्तरकाशी के सिल्कयारा सुरंग से बचाए गए श्रमिकों में से एक श्रमिक के परिवार ने उनके सफलतापूर्वक बचाए जाने की सूचना मिलने के बाद जश्न मनाया। असम के कोकराझार राम प्रसाद नरज़ारी के पिता ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए मैं भारत सरकार और असम सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं। मुझे यह सुनकर राहत मिली कि बचाए गए लोगों को अस्पताल ले जाया गया है।पीएम मोदी ने सुरंग से बचाए गए श्रमिकों से फोन पर की बात
Prime Minister Narendra Modi had a telephonic conversation with the workers who were successfully rescued from the Silkyara tunnel. pic.twitter.com/kvOmdZ4PDn
— ANI (@ANI) November 28, 2023
राहुल गांधी ने जताई खुशी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा- "उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिक भाइयों की सुरक्षित वापसी बहुत ही खुशी का समाचार है। उन्हें और उनके परिवारों को मेरी दिली बधाई। भारत का निर्माण करने वाले हमारे मज़दूर भाइयों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इस मुश्किल अभियान को सफल बनाने वाले सभी जांबाज़ों को मेरा सलाम है।"सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं का सुरक्षा ऑडिट कराया जाए : खरगे
) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उत्तराखंड की सिलक्यारा में सुरंग में फंसे सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकाले जाने पर मंगलवार को खुशी जताई और कहा कि सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं का सुरक्षा ऑडिट कराया जाए ताकि आगे ऐसी परिस्थिति पैदा न हो। पिछले दो सप्ताह से सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के प्रयास में मंगलवार शाम को तब सफलता मिली, जब बचाव पाइप डालने का काम पूरा होने के करीब एक घंटे बाद पहले मजदूर को बाहर लाया गया।पीएम मोदी ने की फोन पर बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिल्कयारा सुरंग से सफलतापूर्वक बचाए गए श्रमिकों से टेलीफोन पर बातचीत की।मुआवजे का ऐलान
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार सिल्कयारा सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं> इसके अलावा घर जाने तक अस्पताल में इलाज की पूरी व्यवस्था की जाएगी\पीएम मोदी ने धामी को किया फोन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन किया और सिल्क्यारा से 41 श्रमिकों की सुरक्षित निकासी पर शुभकामनाएं दीं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से श्रमिकों के बारे में जानकारी ली। उत्तराखंड सीएमओसीएम ने बचाव दल का किया धन्यवाद
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रेस्क्यू ऑपरेशन के खत्म होने पर कहा- "मैं उन सभी सदस्यों को धन्यवाद देना चाहता हूं जो इस बचाव अभियान का हिस्सा थे...पीएम मोदी लगातार मेरे संपर्क में थे और बचाव अभियान का अपडेट ले रहे थे। उन्होंने मुझे सभी को सुरक्षित बचाने की जिम्मेदारी दी। वैसे भी.. उनके सहयोग के बिना यह संभव नहीं होता। उन्होंने अभी मुझसे बात की और निर्देश दिया कि सभी का मेडिकल चेक-अप किया जाना चाहिए... और उन्हें उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए... "राष्ट्रपति ने जताई खुशी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट किया- "मुझे यह जानकर राहत और खुशी महसूस हो रही है कि उत्तराखंड में एक सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को बचा लिया गया है। 17 दिनों से अधिक की उनकी पीड़ा, क्योंकि बचाव प्रयास को बाधाओं का सामना करना पड़ा, मानव सहनशक्ति का एक प्रमाण है। राष्ट्र उनके जज्बे को सलाम करता है और अपने घरों से बहुत दूर, बड़े व्यक्तिगत जोखिम पर भी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए उनका आभारी है। मैं उन टीमों और सभी विशेषज्ञों को बधाई देती हूं जिन्होंने सबसे कठिन बचाव अभियानों में से एक को पूरा करने के लिए अविश्वसनीय धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ काम किया है।"एंबुलेंस लेकर हुई रवाना
12 नवंबर से उत्तराखंड में सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों में से 12 श्रमिकों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया है, इन मजदूरों के लेकर एम्बुलेंस, सिल्कयारा सुरंग स्थल से रवाना हो गई हैं।सीएम धामी ने की मुलाकात
5 मजदूर बाहर
उत्तराखंड में 12 नवंबर से सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों में से पांच श्रमिकों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया है। फिलहाल सभी मजदूर सिल्कयारा टनल के अंदर सेफ्टी टनल में हैं।पहला मजदूर आया बाहर
उत्तराखंड में 12 नवंबर से सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों में से पहले मजदूर को सफलतापूर्वक बचा लिया गया है। पहले मजदूर को रेस्क्यू करा लिया गया हैमजदूर की पहली फोटो
पाइप पुशिंग का कार्य मलबे के आर-पार
सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली है, पाइप पुशिंग का कार्य मलबे के आर-पार हो चुका है। अब श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की तैयारी शुरू कर दी गई है।बस कुछ क्षण और बाकी
बचाव कार्य में शामिल एक कर्मचारी का कहना है, "स्थिति अच्छी है। एनडीआरएफ के चार से पांच लोग अंदर जा चुके हैं। श्रमिकों को बचाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। फंसे हुए श्रमिकों को बाहर लाने के लिए हम स्ट्रेचर अंदर ले जा रहे हैं।परिवारजनों ने पढ़ी नमाज
सुरंग में फंसे श्रमिकों के परिवार के सदस्यों ने उनके सुरक्षित बचाव के लिए नमाज अदा की।आखिरी वक्त पर क्यों पड़ी रैट माइनिंग की जरूरत
उत्तराखंड सुरंग हादसे में रेस्क्यू के दौरान कुछ शब्दों की काफी चर्चा रही है। ऑगर मशीन, मैन्युअल ड्रिलिंग, वर्टिकल ड्रिलिंग और रैट माइनिंग। इन शब्दों में से रैट माइनिंग एक ऐसा कार्य है, जिसपर भारत में प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन जब मशीनें, मजदूरों को निकालने में नाकामयाब हो गईं, टूट गईं, तब इसी रैट माइनिंग ने मजदूरों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पढ़ें पूरी खबरसीएम निकले बाहर
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्कयारा सुरंग बचाव स्थल से रवाना हो गए हैं। अब मजदूर कभी भी बाहर आ सकते हैं।चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद
सिल्क्यारा सुरंग से श्रमिकों को निकालने के बाद अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें हेलीकॉप्टर से ऋषिकेश एम्स ले जाया जाएगा। जिसके लिए चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद है।रैट माइनिंग पर क्यों लगाया गया था बैन?
2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूलन (NGT) ने मजदूरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। दरअसल, मजदूर बिना किसी सुरक्षा उपाय के गड्ढे में उतर आते थे और कई बार ऊपर से धंसाव होने के कारण वे उसी में फंस जाते और हादसे का शिकार हो जाते थे। कई ऐसे भी मामले दर्ज किए गए, जिसमें रैट होल माइनिंग के कारण खनन क्षेत्रों में पानी भर गया, जिससे मजदूरों की जाम जली गई।बरती जा रही सावधानियां
सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों और बचाव कार्यों में लगे लोगों के लिए सुरक्षा संबंधी सभी सावधानियां बरती जा रही हैं: एनडीएमए।2 मीटर का पुश बाकी
2 मीटर का पुश अभी भी बाकी है, इसलिए हमे अभी भी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। सारे मजदूर जब बाहर निकल जाएंगे तो उन्हे 72 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगाCyclone Fengal: चक्रवाती तूफान फेंगल के आज तमिलनाडु पहुंचने की आशंका, दक्षिणी राज्यों में रेड अलर्ट जारी
मुंबई ड्रग्स केस में एजाज खान की पत्नी गिरफ्तार, घर से मिली 130 ग्राम मारिजुआना
नवजोत सिंह सिद्धू दंपति को लीगल नोटिस जारी, जानें क्या है 850 करोड रुपये से जुड़ा मामला
EVM पर बार-बार क्यों उठते हैं सवाल? सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में दायर की गईं 42 याचिकाएं; सरकार ने बताया सबकुछ
Lucknow News: सोफा बनाने वाले कारखाने में लगी भयंकर आग, मौके पर फायर ब्रिगेड की 8 गाड़ियां मौजूद
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited