सबकी मेहनत लाई रंग: सफल हुआ 'मिशन जिंदगी', सिल्क्यारा सुरंग से 17 दिन बाद बाहर आए 41 मजदूर
Silkyara tunnel rescue operation successful: सिल्क्यारा सुरंग में मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहा। 17 दिन से फंसे मजदूर देर शाम बाहर आ गए। सभी मजदूर स्वस्थ्य हैं। हालांकि, उन्हें 48 से 72 घंटे डॉक्टर्स की निगरानी में रखा जाएगा।
सुरंग से सुरक्षित बचाए जाने के बाद सीएम धामी से मिलता हुआ मजदूर
Silkyara tunnel rescue operation successful: उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुंरग में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है। मंगलवार की शाम रेस्क्यू टीम को बड़ी सफलता मिली और सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया है। जानकारी के मुताबिक, मजूदरों के बाहर आते ही मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने उनका स्वागत किया।
इसके बाद मजदूरों को पीने के लिए चाय दी गई और उन्हें सुरंग में ही बने अस्थाई अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स की टीम ने उनकी प्राथमिक जांच की। इसके बाद मजदूरों को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया, जहां 48 से 72 घंटे तक डॉक्टर्स उनकी सेहत की निगरानी करेंगे। बता दें, एनडीआरएफ की टीम पाइप के जरिए स्ट्रेचर के सहारे टनल के अंदर गई, जिसके बाद एक-एककर मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया। इस मौके पर सीएम धामी ने ट्वीट कर कहा कि धैर्य, परिश्रम एवं आस्था की हुई जीत।
सुरंग से बाहर आया पहला मजदूर
48 से 72 घंटे डॉक्टर्स की निगरानी में रहेंगे मजदूर
अधिकारियों का कहना है कि 17 दिन से सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के बाद डॉक्टर्स की निगरानी में रखा जाएगा। सुरंग से बाहर आते ही उनका मेडिकल चेकअप किया जाएगा। इसके लिए सुरंग में ही एक अस्थाई अस्पताल बनाया गया है, इसके बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल भेजा जाएगा। मजदूरों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस भी पहले से मंगा ली गई हैं। इन मजदूरों को 48 से 72 घंटे तक डॉक्टर्स की निगरानी में रखा जाएगा। अगर किसी मजदूर को जरूरत पड़ती है तो उसे एयरलिफ्ट करके एम्स ऋषिकेश भी ले जाने की तैयारी है।
रैट माइनिंग के जरिए मजदूरों तक पहुंची टीम
Silkyara tunnel rescue.
बता दें, मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी अमेरिकी ऑगर मशीन 48 मीटर तक ड्रिलिंग के बाद टूटकर सुरंग में ही फंस गई थी। जबकि, मजदूर 60 मीटर पर फंसे हुए थे। इसके बाद पारंपरिक रैट होल माइनिंग तकनीकि का सहारा लिया गया, साथ ही वर्टिकल ड्रिलिंग भी शुरू की गई। रैट माइनिंग के लिए एक्सपर्ट की टीम मैनुअल ड्रिलिंग करते हुए मजदूरों तक पहुंची और उनको बाहर लाने के लिए पाइप बिछाया गया।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
रेस्क्यू ऑपरेशन के पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर 41 श्रमिकों की सुरक्षित निकासी पर शुभकामनाएं दीं। उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि इस दौरान प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से श्रमिकों के बारे में जानकारी ली। पीएम ने मुख्यमंत्री से पूछा कि सुरंग से निकाले जाने के बाद श्रमिकों के स्वास्थ्य देखभाल, उनके घर छोड़ने और उनके परिवारों के लिए क्या व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि सुरंग से बाहर आने के बाद सभी श्रमिकों को सीधे चिन्यालीसौड़ स्थित अस्पताल ले जाया गया है, जहां उनकी आवश्यक स्वास्थ्य जांच आदि की गई है। साथ ही बताया कि श्रमिकों के परिवार के सदस्यों को भी ले जाया गया है। चिन्यालीसौड़ जहां से राज्य सरकार उन्हें उनकी सुविधा के अनुसार घर छोड़ने की पूरी व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन के कारण ही यह रेस्क्यू ऑपरेशन सफल हो सका है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सभी एजेंसियों के समन्वय से हम 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में सफल रहे हैं।
पीएम मोदी ने किया ट्वीट
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे। इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है। मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं। उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है। इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।
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