Uttarkashi Tunnel Accident: कब तक सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में फंसे मजदूरों को निकाला जाएगा बाहर, जानिए कहां तक पहुंचा रेस्क्यू ऑपरेशन
Uttarkashi Tunnel Accident: घटनास्थल पर लगातार गिर रहे ढीले मलबे को स्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बचाव कार्य में बाधा डाल रहे ढीले मलबे पर कंक्रीट का छिड़काव कर ‘शॉटक्रीट’ की प्रक्रिया से उसके स्थिरीकरण का प्रयास किया जा रहा है
उत्तराखंड सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास है जारी
Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए ऑपरेशन जारी है। अधिकारी और रेस्क्यू टीम इस कार्य में लगे हैं, लेकिन अभी तक ज्यादा सफलता हाथ नहीं लगी है।
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सभी मजदूर सुरक्षित
उत्तराखंड में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसके अंदर 40 मजदूर फंसे हैं। अधिकारियों के अनुसार, 36 घंटे से अधिक समय से सुरंग में फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और उनसे संपर्क स्थापित कर लिया गया है। रविवार सुबह घटना के तत्काल बाद से ही फंसे मजदूरों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है जबकि रविवार मध्यरात्रि के बाद मजदूरों से संपर्क स्थापित होने पर उन्हें पेयजल और खाने के पैकेट भी पाइपलाइन के माध्यम से कंप्रेसर की मदद से दवाब बनाकर भेजे जा रहे हैं।
कब तक निकलेंगे मजदूर
सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान सोमवार को और तेज कर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा है कि मजदूरों को बाहर निकालने में संभवत: एक-दो दिन और लग सकते हैं। मौके पर पहुंचे आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों को मंगलवार रात या बुधवार तक बाहर निकाला जा सकता है।
क्यों हो रही देरी
घटनास्थल पर लगातार गिर रहे ढीले मलबे को स्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बचाव कार्य में बाधा डाल रहे ढीले मलबे पर कंक्रीट का छिड़काव कर ‘शॉटक्रीट’ की प्रक्रिया से उसके स्थिरीकरण का प्रयास किया जा रहा है और एक बड़े व्यास का स्टील पाइप डालकर फंसे मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा।
कैसे निकाला जाएगा बाहर
सिन्हा ने कहा कि अब तक करीब 15-20 मीटर तक मलबा निकाला जा चुका है और यह प्रक्रिया जारी है। हम ढाई फुट व्यास का स्टील पाइप मंगा रहे हैं जिसे बोरिंग के जरिए मलबे में डाला जाएगा और उससे लोगों को बाहर निकाला जाएगा। ये स्टील पाइप हरिद्वार से मौके के लिए रवाना कर दिए गए हैं जबकि इन्हें स्थापित करने के लिए सिंचाई विभाग के पांच विशेषज्ञ अभियंताओं के दल को भी देहरादून से सिलक्यारा पहुंचने को कहा गया है। कुल 4531 मीटर लंबी सुरंग का 2340 मीटर हिस्सा सिलक्यारा की तरफ से और 1600 मीटर हिस्सा बड़कोट की तरफ से बन चुका है।
कहां-कहां से हैं मजदूर
घटना के कारणों की जांच के लिए उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित तकनीकी समिति ने भी मौके का निरीक्षण किया। उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा उपलब्ध सूची के अनुसार, सुरंग में फंसे मजदूरों में से 15 झारखंड, आठ उत्तर प्रदेश, पांच ओडिशा, चार बिहार, तीन पश्चिम बंगाल, दो-दो उत्तराखंड और असम तथा एक हिमाचल प्रदेश के हैं।
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