Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue LIVE: मशीन ने सुरंग में मलबे को 12 मीटर तक भेदा, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
Uttarkashi Tunnel Collapse LIVE Updates: पुलिस अधीक्षक ने कहा कि श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की कार्रवाई तेजी से की जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के निदेशक अंशु मनीष खाल्खो ने मौके पर संवाददाताओं को बताया कि करीब 25 टन वजनी अत्याधुनिक और भारी ऑगर मशीन मंगलवार को सुरंग में लगायी गयी मशीन की जगह लेगी। इस भारी ऑगर मशीन की भेदन क्षमता बहुत ज्यादा है और इस मशीन के जरिए एक घंटे में चार—पांच मीटर तक मलबे के अंदर भेदा जा सकता है।
मशीन ने सुरंग में मलबे को 12 मीटर तक भेदा
भारी और अत्याधुनिक ऑगर मशीन ने बृहस्पतिवार को सिलक्यारा सुरंग में मलबे को 12 मीटर तक भेद दिया जिससे पिछले चार दिनों से अधिक समय से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों के जल्द बाहर आने की उम्मीदें बढ़ गयीं ।सुंरग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास हैं जारी
Uttarakhand Tunnel: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास जारी है। फंसे मजदूरों के लिए जहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन, विशेषज्ञ पिछले 5 दिनों से काम कर रहे हैं, वहीं आज इस रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए विदेशी विशेषज्ञों से भी मदद ली गई है। पढ़ें पूरी खबरउत्तराखंड में बन रही सुरंगों की समीक्षा की जाएगी: धामी
पिछले चार दिन से सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए भारी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उत्तराखंड में बन रही सभी सुरंगों की समीक्षा की जाएगी।सिलक्यारा सुरंग हादसे को स्थानीय लोग मान रहे 'बौखनाग देवता' का प्रकोप
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग हादसे को स्थानीय लोग ‘बाबा बौखनाग देवता’ का प्रकोप होने का दावा कर रहे हैं जिनके मंदिर को दिवाली से कुछ दिन पहले निर्माण कंपनी ने तोड़ दिया था। सुरंग के एक हिस्से के ढह जाने से उसके अंदर फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए मंगलवार रात को मलबे को ड्रिल कर उसमें माइल्ड स्टील पाइप डालकर 'एस्केप टनल' बनाने के लिए ऑगर मशीन स्थापित की गयी थी लेकिन ड्रिलिंग शुरू होने के कुछ देर बाद ही ऊपर से भूस्खलन होने के कारण उसे रोकना पड़ा। बाद में ऑगर मशीन में भी खराबी आ गयी थी।श्रमिकों को मनोवैज्ञानिक परामर्श मुहैया कराने की जरूरत बताई गई
उत्तराखंड में निर्माणाधीन सुरंग के एक हिस्से के ढह जाने से उसमें फंसे श्रमिकों को बाहर निकाले जाने के बाद उनकी शारीरिक फिटनेस की जांच करने के साथ ही उन्हें मनोवैज्ञानिक परीक्षण और परामर्श से गुजरना होगा। यह सलाह चिकित्सकों ने दी है। चार दिन पहले चारधाम मार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के एक हिस्से के ढह जाने से उसमें कुल 40 मजदूर फंस गए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्हें पाइप के जरिये लगातार ऑक्सीजन, बिजली, दवाएं, खाद्य सामग्री और पानी की आपूर्ति की जा रही है। चिकित्सकों ने कहा कि यह घटना जीवित बचे लोगों के लिए सदमे की तरह हो सकती है क्योंकि वे शारीरिक तनाव के साथ-साथ मानसिक तनाव से भी गुजर रहे होंगे।नई ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पिछले चार दिनों से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए दिल्ली से लाई गयी भारी अमेरिकी ऑगर मशीन से बृहस्पतिवार को ड्रिलिंग शुरू कर दी गयी। ड्रिलिंग के बाद स्टील के बड़े व्यास वाले पाइपों से 'एस्केप टनल' तैयार की जाएगी ताकि मजदूरों को बाहर निकाला जा सके।हरक्यूलिस विमानों का प्रयोग
भारतीय वायु सेना के हरक्यूलिस विमानों के जरिए 25 टन वजनी अत्याधुनिक ऑगर मशीन दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गयी। जिसके बाद फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआअमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पिछले चार दिनों से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बड़े व्यास के स्टील पाइपों से 'एस्केप टनल' तैयार करने हेतु अधिक क्षमता की अमेरिकी ऑगर मशीन से फिर ड्रिलिंग शुरू कर मलबे को भेदने के प्रयास बृहस्पतिवार को तेज कर दिए गए ।धामी सरकार मजदूरों को बचाने के लिए झोंक रहे पूरी ताकत
हालांकि, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे 40 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। एक ओर देश के नामी विशेषज्ञों के दल को बुलाकर अत्याधुनिक मशीनों से ड्रिलिंग का काम युद्धस्तर पर चल रहा है, वहीं दूसरी ओर सुरंग में फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने के लिए लगातार उनसे बातचीत की जा रही है, उनका परिजनों से भी संपर्क बना हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत पर श्रमिकों और उनके परिजनों का हौसला नहीं टूटना चाहिए।रांची के कौन-कौन लोग फंसे हैं टनल में?
रांची के जिस गांव के तीन लोग टनल में फंसे हैं, उनमें अनिल बेदिया (उम्र 18 साल - गायों खिराबेरा), राजेंद्र बेदिया (उम्र 20 साल - गांव खीरा बेरा) और सुखराम बेदिया (उम्र 17 साल - गांव खीरा बेरा) शामिल हैं।रांची के तीन लोग भी टनल में फंसे, गांव में पसरा सन्नाटा
उत्तराखंड टनल हादसे ने झारखंड की राजधानी रांची के ओरामांझी में भी बेचैनी खड़ी कर दी। दरअसल, टनल में ओरामांझी थाना क्षेत्र के खिराबेरा गांव के तीन लोग भी फंसे हैं, जबकि गांव से 15 लोग टनल में मजदूरी के लिए गए थे। ऐसे में गांव में मानो एक खामोशी पसरी है और इस सन्नाटे के बीच उन परिजनों की सिसकियां सुनाई पड़ रही हैं, जिनके बच्चे उत्तराखंड टनल के अंदर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। ऐसे परिजनों से घटना की जानकारी लेने की कोशिश की गई तो ऐसा लगा कि समंदर में तूफान आ गया हो जो आंखों से आंसू बन कर बहने लगे।मशीनों की मदद से भी मलबा हटाने की कार्यवाही युद्धस्तर पर जारी
सिल्क्यारा सुरंग 12 नवंबर को ढह गई थी। स्थानीय बचाव दलों के अथक प्रयासों के बावजूद, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों की वजह से बचाव अभियान अभी तक सफल नहीं हो सका है। बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए भारतीय वायुसेना के हरकुलिस विमान की मदद से हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन निर्माणाधीन सुरंग तक पहुंचायी गई है। साथ ही अन्य मशीनों की मदद से भी मलबा हटाने की कार्यवाही युद्धस्तर पर जारी है।US सांसद ने यूएसएआईडी से बचाव अभियान में मदद करने का आग्रह किया
भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने ‘‘यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’’ (यूएसएआईडी) से भारत के उत्तराखंड राज्य में एक सुरंग में फंसे 40 कर्मचारियों को बचाने के लिए जारी अभियान में तत्काल सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है। उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान जारी है। थानेदार ने कहा, ‘‘उत्तराखंड की यह दुखद घटना सिर्फ स्थानीय संकट नहीं है, यह एक मानवीय चिंता है जो वैश्विक ध्यान और कार्रवाई की मांग करती है। अमेरिका अपनी उन्नत तकनीक और बचाव कार्यों में विशेषज्ञता के साथ, इन प्रयासों में महत्वपूर्ण प्रभाव डालने और संभावित रूप से जीवन बचाने की क्षमता रखता है।’’"अंदर फंसे लोगों को नहीं है मेडिकल मदद की जरूरत"
'सुरंग में फंसे लोग स्वस्थ और ठीक हैं'
नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के पीआरओ जीएल नाथ ने गुरुवार (16 नवंबर, 2023) की सुबह समाचार एजेंसी पीटीआई को रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में बताया- मशीन (हेवी ड्रिलिंग के लिए) इंस्टॉल कर दी गई है। जल्द ही रेक्स्क्यू ऑपरेशन चालू किया जाएगा। अंदर जो कोई लोग भी फंसे हैं, वे स्वस्थ और ठीक हैं। उन्हें जल्द ही रेस्क्यू कर लिया जाएगा।रेस्क्यू जारीः NECL के PRO ने क्या बताया? देखिए
रेस्क्यू ऑपरेशन जारिए, देखिए ताजा नजारा
वायुसेना के विमानों से भारी ऑगर मशीनें लाई गईं, ऑपरेशन में नॉर्वे-थाईलैंड की टीमें भी
उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने की कोशिशें जारी हैं। दिल्ली से बुधवार को भारी ऑगर मशीनें लाई गईं। एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर आए। इन मशीनों की मदद से प्रति घंटे 5 मीटर मलबा निकला जा सकेगा और मलबे को भेदकर स्टील पाइप को दूसरी तरफ पहुंचाया जा सकेगा। वायुसेना के हरक्यूलिस विमानों से तीन खेप में लाई गईं ऑगरमशीनों को चिन्यालीसौड़ हवाईअड्डे पर उतारा गया। इन मशीनों को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए घटनास्थल पर पहुंचाया गया। इन मशीनों सं बंधवार रात में ड्रिलिंग शुरू किए जाने की उम्मीद है। वायुसेना का पहला हरक्यूलिस विमान नई दिल्ली के हिंडन एयरबेस से नई मशीन के पार्ट्स लेकर बुधवार को दोपहर करीब एक बजे चिन्यालीसौड़ हवाईअड्डे पर उतरा, जिसके बाद मशीन के पार्ट्स को ट्रक के जरिए करीब पौने चार बजे सिलक्यारा सुरंग में पहुंचाया गया। राहत एवं बचाव मिशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि अमेरिका में बनी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन काफी एडवांस है, जो काफी तेजी से काम करेगी। राहत एवं बचाव ऑपरेशन में अब मिलिट्री ऑपरेशन की टीम भी शामिल हो गई है। इसके साथ वायुसेना, थलसेना भी बचाव अभियान में मदद कर रही है। उन्होंने कहा, ''इसके अलावा, सुरंग में फंसे हुए 40 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए अब नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की भी मदद ली जा रही है। रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की एक रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है। इसी कंपनी ने कुछ समय पहले थाईलैंड की एक गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला था। रेस्क्यू टीम ने नॉर्वे की एनजीआई एजेंसी से भी संपर्क किया है, जिससे सुरंग के भीतर ऑपरेशन के लिए सुझाव लिया जा सके। साथ ही, भारतीय रेल, आरवीएनएल, राइट्स और इरकॉन के विशेषज्ञों से भी सुरंग के भीतर ऑपरेशन चलाने से संबंधित सुझाव लिए जा रहे हैं।''CM धामी देर रात देहरादून पहुंचे, सुरंग में चल रहे रेस्क्यू का लिया अपडेट
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इंदौर से देर रात देहरादून पहुंचे। इसके बाद उन्होंने उत्तरकाशी के सिल्कयारा में निर्माणाधीन सुरंग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया और मुख्य सचिव को अलर्ट रहने का निर्देश दिया। उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। बचाव कार्य में केंद्रीय एजेंसियां भी लगी हुई हैं। एजेंसियों को राज्य सरकार के सभी विभागों से सभी प्रकार का सहयोग मिल रहा है। जिला प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा भी लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन एवं प्रशासन को पूर्व में ही समुचित दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं। राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई केंद्रीय एजेंसियों की टीम की हौसला अफजाई कर सुरंग में फंसे श्रमिकों को जल्द ही सकुशल निकाला जाए। उन्होंने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों के परिजनों से निरंतर संपर्क एवं संचार के लिए प्रशासन ने दूरभाष नंबर जारी किए हैं। घटनास्थल पर श्रमिकों के परिजनों एवं सहकर्मियों के साथ-साथ घटना की कवरेज करने आए मीडिया जनों के लिए समुचित व्यवस्था बनाने एवं सहयोग करने के जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।सुरंग में फंसे मजदूरों को नई मशीन से निकालने की शुरुआत कब?
सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार ले रहे हैं अपडेट
उत्तराखंड CMO ने जानकारी दी है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। सीएम धामी कमिश्नर गढ़वाल, आईजी गढ़वाल और राहत एवं बचाव में जुटी एजेंसियों से सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन और टनल में फंसे मजदूरों की कुशलक्षेम के बारे में पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री राहत और बचाव कार्य में लगी एजेंसियों से भी पल-पल की अपडेट ले रहे हैं।जानिए ड्रिलिंग मशीन की खराबी पर क्या बोले आदेश जैन
उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग हादसा: बचाव अभियान पर इंजीनियर और ड्रिलिंग एक्सपर्ट आदेश जैन ने कहा कि 'यह कोई मशीन की खराबी नहीं थी, 14 नवंबर तक छह बार मलबा गिर चुका है और इसका दायरा 70 मीटर तक बढ़ चुका है। मेरी मशीन केवल 45 मीटर तक ही काम कर सकती है, इसलिए सरकार ने लगभग 70 मीटर की क्षमता वाली एक बड़ी मशीन की व्यवस्था की है। हमने नई मशीन का समर्थन करने के लिए बुनियादी ढांचे को तैयार कर लिया है। मानव जीवन 101% बच जाएगा। मेरा मानना है कल शाम या रात तक सभी को सुरंग से सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।'वायुसेना के विमानों से भारी ऑगर मशीन लाई गई उत्तरकाशी
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पिछले 80 घंटों से अधिक समय से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयासों में भूस्खलन और तकनीकी कारणों से पड़ी अड़चन के बाद बुधवार को दिल्ली से विमानों के जरिए एक भारी ऑगर मशीन चिन्यालीसौड़ लायी गयी। सुरंग में मंगलवार रात को ताजा भूस्खलन के कारण मलबे में बड़े व्यास के माइल्ड स्टील पाइप डालकर 'एस्केप टनल' बनाने के लिए की जा रही ड्रिलिंग को रोकना पड़ा था। इसके बाद ड्रिलिंग के लिए स्थापित की गयी ऑगर मशीन भी खराब हो गई थी जिससे बचाव कार्य में बाधा आयी।डीएम ने बताया, 'ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था की गई'
उत्तरकाशी सुरंग हादसा से पर उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रोहिल्ला ने कहा कि 'केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है, उच्च क्षमता वाली ड्रिलिंग मशीन की जरूरत थी। इसे वायुसेना के विमानों से भेजा जा रहा है और वे यहां जल्दी पहुंचें इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था की गई है।'उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यदुवंश ने बताया अपडेट
उत्तराखंड के उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना के बाद चल रहे बचाव अभियान पर, उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यदुवंश कहते हैं, "उन्नत मशीनें यहां हैं और हम जल्द ही सुरंग के अंदर फंसे सभी लोगों को बचा लेंगे। बचाव अभियान पूरे जोरों पर चल रहा है।"सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए लगातार कोशिशें जारी
टनल में फंसे मजदूरों को जानिए: नाम और पता
मौके पर पहुंचीं ड्रिलिंग मशीनें, डीजीपी ने दिया भरोसा
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि उत्तरकाशी जिले के सिल्क्यारा सुरंग में राहत और बचाव के लिए भारी बरमा ड्रिलिंग मशीनें चिन्यालीसौड़ हेलीपैड पर पहुंच गई हैं। इन्हें जोड़ा जा रहा है; जल्द ही ड्रिलिंग का काम शुरू हो जाएगा। डीजीपी ने सभी लोगों से अनुरोध किया है कि धैर्य और विश्वास रखें, जल्द ही सभी श्रमिकों को सुरक्षित बचा लिया जाएगा।दुर्घटनास्थल पर श्रमिकों का विरोध प्रदर्शन, राहत और बचाव कार्य जारी
72 घंटों से जिंदगी की तलाश जारी
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पिछले 72 घंटों से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयासों को उस समय झटका लगा जब 'एस्केप टनल' बनाने के लिए शुरू की गयी ड्रिलिंग को ताजा भूस्खलन के चलते रोकना पड़ा। अधिकारियों ने यहां बताया कि मंगलवार रात साढ़े 12 बजे तक मलबे में बड़े व्यास के माइल्ड स्टील पाइप डालने के लिए ड्रिलिंग का काम किया जा रहा था लेकिन भूस्खलन होने के कारण उसे बीच में रोकना पड़ा। इस बीच, सिलक्यारा सुरंग में ड्रिलिंग के लिए स्थापित की गयी आगर मशीन भी खराब होने की सूचना है। इससे पहले, मंगलवार रात को भी सुरंग में ऊपर से मलबा गिरा था। इसके बाद बनी भगदड़ जैसी स्थिति में बचाव कार्य में लगे दो मजदूर मामूली रूप से घायल हो गए थे जिन्हें उपचार के लिए सुरंग के बाहर बनाए गए अस्थाई अस्पताल में ले जाना पड़ा। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने देहरादून में 'पीटीआई भाषा' को बताया कि भारतीय वायु सेना से बात हो गयी है और जल्द ही दिल्ली से इससे बड़ी मशीनें मौके पर भेजी जाएंगी जिससे मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला जा सकेगा। दिल्ली से दो हरक्यूलिस विमान बचाव कार्यों के लिए सामान लेकर घटनास्थल के निकट स्थित चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पहुंचेंगे जहां से उन्हें सिलक्यारा लाया जाएगा।Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue LIVE Updates: कब और कैसे हुआ था हादसा?
चारधाम ऑल वेदर सड़क परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की तरफ से मुहाने से 270 मीटर अंदर करीब 30 मीटर का हिस्सा रविवार को भूस्खलन से ढह गया था और तब से श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए युद्वस्तर पर बचाव एवं राहत अभियान चलाया जा रहा है।उत्तराखंडः ताजा भूस्खलन के चलते सुरंग में ड्रिलिंग रोकी गई
उत्तराखंड में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पिछले तीन दिन से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने की कोशिशों को मंगलवार देर रात उस समय झटका लगा, जब 'एस्केप टनल' बनाने के लिए शुरू की गई ड्रिलिंग को ताजा भूस्खलन के चलते रोकना पड़ा। उत्तरकाशी में अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार रात साढ़े 12 बजे तक मलबे में माइल्ड स्टील पाइप डालने के लिए ड्रिलिंग का काम किया जा रहा था, लेकिन भूस्खलन होने के कारण उसे रोकना पड़ा। इस बीच, सिलक्यारा सुरंग में ड्रिलिंग के लिए स्थापित की गई आगर मशीन भी खराब होने की सूचना है। इससे पहले मंगलवार रात को भी सुरंग में भूस्खलन होने से बचाव कार्यों में जुटे दो मजदूर मामूली रूप से घायल हो गए थे। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने देहरादून में 'पीटीआई भाषा' को बताया कि भारतीय वायु सेना से बात हो गई है और जल्द ही उसके विमान से दिल्ली से बड़ी मशीनें मौके पर भेजी जाएंगी, जिससे मजदूरों को जल्द ही सुरंग से बाहर निकाला जा सकेगा।आज सारे श्रमिक बाहर आ जाएंगे?
तकनीकी विशेषज्ञों के हवाले से उन्होंने कहा, ‘‘अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो बुधवार तक सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।’’ मलबे में खुदाई को लेकर ऑगर मशीन को स्थापित करने के लिए मंच बनाने में लगभग पूरा दिन लग गया। अधिकारियों ने कहा कि अब मलबे के आरपार पाइप डालने की प्रक्रिया शुरू होगी। पाइप डालने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों एवं इंजीनियरों की टीम घटनास्थल पर मौजूद है जिसकी अगुवाई उत्तराखंड पेयजल निगम के महाप्रबंधक एवं ड्रिलिंग और बोरिंग के विशेषज्ञ दीपक मलिक कर रहे हैं।उत्तराखंड में सुरंग में फंसे झारखंड के 15 श्रमिक सुरक्षित हैं : अधिकारी
उत्तराखंड में निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से फंसे झारखंड के सभी 15 श्रमिक सुरक्षित हैं और बुधवार तक उन्हें बचा लिये जाने की संभावना है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एक बयान में कहा गया कि बचाव अभियान में मदद के लिए झारखंड सरकार की तीन सदस्यीय टीम पहले ही उत्तरकाशी पहुंच चुकी है और टीम ने उत्तराखंड के अधिकारियों से श्रमिकों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उत्तराखंड सरकार ने उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा और डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों की सूची प्रदान की है। बयान में कहा गया है कि 40 श्रमिकों में से 15 झारखंड से हैं, जिसमें गिरिडीह के दो, खूंटी के तीन, रांची के तीन और पश्चिमी सिंहभूम के एक सहित नौ श्रमिकों ने सुरंग के अंदर से अपने परिवार के सदस्यों से बात की।सुरंग में पाइप से ‘एस्केप सुरंग' बनाने के लिए खुदाई शुरू, सभी श्रमिक सुरक्षित
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पिछले दो दिनों से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचावकर्मी मलबे में ‘माइल्ड स्टील’ पाइप डालने की कोशिश कर रहे थे लेकिन फिर से भूस्खलन होने से यह प्रक्रिया बाधित हो गई। मलबा गिरने से दो बचावकर्मी घायल हो गए, जिन्हें वहीं पर स्थापित अस्थायी अस्पताल में भेजा गया। सूत्रों ने बताया कि बचाव कार्य तब प्रभावित हुआ जब भूस्खलन के कारण ऊपर से और मलबा गिरने लगा जिससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई और दो मजदूर घायल हो गए। उन्होंने बताया कि उन्हें मामूली चोटें आईं, लेकिन इससे बचाव कार्य प्रभावित हुआ। बचाव एवं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने बताया कि मिट्टी खुदाई करने वाली ऑगर मशीन और 900 मिलीमीटर व्यास के पाइप सुबह ही मौके पर पहुंचा दिए गए थे और सुरंग में ‘ड्रिलिंग’ (खुदाई) शुरू कर दी गयी है।Uttarkashi Tunnel Collapse LIVE Updates: रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल जारी
उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे श्रमिकों में उत्तर प्रदेश के आठ मजदूर भी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से उसमें फंसे लगभग 40 श्रमिकों में उत्तर प्रदेश के आठ मजदूर भी शामिल हैं। वे सभी सुरक्षित बताए जाते हैं। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त नवीन कुमार ने मंगलवार को बताया कि सुरंग में फंसे उत्तर प्रदेश के निवासी आठ मजदूरों में से छह श्रमिक श्रावस्ती के रहने वाले हैं, जबकि एक लखीमपुर खीरी और एक मिर्जापुर का निवासी है। उन्होंने बताया कि श्रावस्ती के रहने वाले श्रमिकों में अंकित, राममिलन, सत्यदेव, संतोष, जयप्रकाश और रामसुंदर शामिल हैं, जबकि मंजीत नामक श्रमिक लखीमपुर खीरी जिले का तथा अखिलेश कुमार मिर्जापुर जिले का रहने वाला है। यह सभी श्रमिक सुरक्षित हैं।© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited