सुरंग से कब बाहर निकलेंगे 41 श्रमिक? विदेशी एक्सपर्ट ने कहा- हम जल्दबाजी में नहीं हैं क्योंकि मेरी ये इच्छा है
Uttarkashi Tunnel Collapse: सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों कब बाहर आएंगे, यह एक सवाल बना हुआ है। इसी बीच अंतरराष्ट्रीय सुरंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने हम जल्दबाजी में नहीं हैं।
41 मजदूरों के बचाव में लगे विदेशी एक्सपर्ट्स ने कहा कि हम जल्दबाजी में नहीं है
Uttarkashi Tunnel Collapse: सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयास तेज हैं। उम्मीद है कि अगले कुछ घंटों में या शुक्रवार तक सफलता मिल सकती है। इसी बीच उत्तरकाशी सुरंग रेस्क्यू ऑपरेशन पर अंतरराष्ट्रीय सुरंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि बचाव अभियान जोरों पर है। हमें कई बचाव अभियान मिले हैं। भारत के तमाम एक्सपर्ट्स यहां हैं। मैं अब बहुत निश्चिंत हूं। हम जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं क्योंकि अगर हम जल्दबाजी करेंगे तो हम ऐसी समस्या खड़ी कर सकते हैं जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। हम जल्द 41 स्वस्थ पुरुषों को देखेंगे और किसी को चोट नहीं पहुंचेगी। डिक्स कहा कि हम 41 मजदूरों की वापसी के लिए रास्ते तक पहुंचने के लिए केवल कुछ मीटर की दूरी पर हैं। लेकिन सभी लोग सुरक्षित हैं। ऑगर मशीन खराब हो गई है। इसे ठीक की जा रही है और इसे कल (24 नवंबर) को वापस आ जाना चाहिए। ड्रिलिंग मशीन तीन बार खराब हो चुकी है।
उधर श्रमिकों को बचाने के अभियान के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि बचाव अभियान की समयसीमा पर अटकलें लगाना उचित नहीं होगा क्योंकि यह युद्ध लड़ने जैसा है। उन्होंने यह भी कहा कि बचाव कार्य रुक गया है और इसके शीघ्र ही फिर से शुरू होने की संभावना है।
हालांकि हसनैन के इस बयान से पहले बचाव अभियान की निगरानी कर रहे प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने मीडिया को बताया कि सिलक्यारा में सुरंग में मलबे में ‘ड्रिलिंग’ के दौरान आई बाधा को दूर करने के बाद गुरुवार को सुबह फिर से बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। खुल्बे ने बताया था कि लोहे के सरिये के कारण उत्पन्न समस्या को दूर कर लिया गया है। गैस कटर का इस्तेमाल कर सरिये को काट दिया गया है।
एनडीएमए सदस्य ने यह भी कहा कि श्रमिकों को बचाने के लिए क्षैतिज ‘ड्रिलिंग’ में तीन से चार और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि 41 एम्बुलेंस सुरंग स्थल पर मौजूद हैं और गंभीर स्थिति वाले श्रमिकों को हवाई मार्ग से ले जाने की भी सुविधाएं हैं। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था और पिछले 11 दिनों से 41 श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
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