रैट होल माइनिंग एक्सपर्ट्स को CM केजरीवाल ने किया सम्मानित, बहादुरी की कहानी भी सुनी, 41 श्रमिकों के रेस्क्यू में निभाई थी अहम भूमिका

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने में अहम भूमिका निभाने वाले रैट होल माइनिंग एक्सपर्ट्स को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सम्मानित किया। साथ ही एक्सपर्ट्स ने बताया कि बिना सोए या आराम किए 36 घंटे तक लगातार काम किया।

ttarkashi Tunnel Rescue Operation: रैट होल माइनिंग एक्सपर्ट्स दिल्ली सीएम केजरीवाल ने किया सम्मानित

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड में एक निर्माणाधीन सड़क सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के अभियान में हिस्सा लेने वाले दिल्ली के रैट होल माइनिंग एक्स्पर्ट्स से मुलाकात की और देश के लोगों की ओर से उन्हें धन्यवाद दिया। 12 नवंबर को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद निर्माण कार्य में लगे 41 श्रमिक उसमें फंस गए थे। करीब 17 दिनों के मल्टी-एजेंसी ऑपरेशन के बाद मंगलवार को उन्हें बचाया गया। केजरीवाल ने एक बयान में कहा कि इस स्वार्थी दुनिया में कोई किसी के बारे में नहीं सोचता, लेकिन इन श्रमवीरों ने अपनी जान की परवाह किए बिना दिन-रात काम किया और 41 लोगों की जान बचाई। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि ये सभी लोग दिल्ली में रहते हैं और वर्षों से दिल्ली जल बोर्ड के लिए काम कर रहे हैं।

रैट-होल-माइनिंग तकनीक के एक्सपर्ट्स की टीम वर्षों से मैन्युअल खुदाई करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) से जुड़ी हुई है। इस अवसर पर मौजूद जल मंत्री आतिशी ने कहा कि उन्होंने सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए बोरिंग के माध्यम से पाइप बिछाने के लिए मशीनों और जनशक्ति का इस्तेमाल किया। आतिशी ने कहा कि टीम के सदस्यों ने बताया कि कैसे उन्होंने बचाव अभियान के दौरान बिना सोए, बिना रुके काम किया। उन्होंने मीडिया से कहा कि केजरीवाल ने देश और दिल्ली के लोगों की ओर से उन्हें धन्यवाद दिया और बताया कि सभी को उन पर कितना गर्व है।

सुरंग के अंदर मलबा साफ करते समय एक अमेरिकी ऑगर मशीन खराब होने के बाद 12 सदस्यीय टीम को ड्रिलिंग करने के लिए बुलाया गया था। अधिकारियों के मुताबिक इन 12 लोगों में से कुछ डीजेबी के लिए सीवर लाइन और पाइपलाइन बिछाने में शामिल हैं। रैट-होल खनिकों ने मुख्यमंत्री के साथ अपने अनुभव शेयर करते हुए बचाव अभियान की कहानियां सुनाईं। बयान में कहा गया कि उन्होंने कहा कि अमेरिकी ऑगर मशीन बेहद गर्म थी। यहां तक कि जिस रॉड को उन्हें काटना था वह भी अत्यधिक गर्म थी। उनके बीच इंच-दर-इंच की दूरी थी। इसे काटना बेहद चुनौतीपूर्ण था। हमने बिना सोए या आराम किए 36 घंटे तक लगातार काम किया और आखिरकार सुरंग में फंसे 41 लोगों तक पहुंच गए। हमने एक बार भी हिम्मत नहीं हारी, दिन-रात लगातार काम करते रहे जब तक हम सफल नहीं हो गए।

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