Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: कौन हैं मुन्ना कुरैशी? इस सफल ऑपरेशन के बने हीरो
Uttarakhand tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में पिछले 16 दिन से फंसे सभी 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। इस ऑपरेशन में रैट-होल खनिक मुन्ना क़ुरैशी हीरो बनकर निकले।
उत्तरकाशी सुरंग ऑपरेशन टीम (तस्वीर-पीटीआई)
Uttarakhand tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में करीब 17 दिन तक फंसे रहे सभी 41 श्रमिकों को जैसे ही बाहर निकाला गया। पूरे देश में खुशी की लहर फैल गई। बचावकर्मी की मेहनत और धैर्य के लिए प्रशंसा होने लगी। पीएम मोदी समेत देश भर के लोगों ने रेस्क्यू टीम की सराहना की। कई सरकारी बचाव एजेंसियां अपनी विशाल टीम के साथ उत्तराखंड सुरंग के पास 24X7 तैनात थीं। हालांकि रैट होल करने में खनिकों ने ही सफलता हासिल की। सुरंग में श्रमिकों तक सबसे मुन्ना क़ुरैशी पहुंचे। उन्हें ऑपरेशन का हीरो बताया गया।
कौन हैं मुन्ना कुरैशी?
29 वर्षीय मुन्ना कुरेशी रैट होल खनिक है। वह दिल्ली की एक कंपनी में काम करते हैं। यह एक ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सेवा कंपनी है। जो सीवर और पानी की लाइनों को साफ करती है। वह उन दर्जनों रैट-होल खनिकों में से एक थे जिन्हें आखिरी 12 मीटर मलबा हटाने के लिए सोमवार को उत्तराखंड लाया गया था। अमेरिका निर्मित ऑगर मशीन के खराब हो जाने के बाद सुरंग से 41 मजदूरों को निकालने के लिए रैट-होल खनिक रेस्क्यू अभियान ही अंतिम सहारा था। रैट-होल खनन छोटे-छोटे गड्ढे खोदकर कोयला निकालने की एक विधि है लेकिन अवैज्ञानिक होने के कारण 2014 में कोयला निकालने की इस विधि पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
मुन्ना कुरेशी ने कहा कि उन्होंने मंगलवार शाम को आखिरी चट्टान हटाई और 41 फंसे हुए श्रमिकों को देखा। मुन्ना क़ुरैशी ने कहा कि उन्होंने मुझे गले लगाया और तालियां बजाईं और मुझे बहुत-बहुत धन्यवाद दिया। मोनू कुमार, वकील खान, फिरोज, परसादी लोधी और विपिन राजौत अन्य खनिक थे जो अपने कठिन ऑपरेशन के बाद फंसे हुए लोगों तक पहुंचे। अंदर मौजूद लोग दूसरी तरफ से किसी सफलता का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। सुरंग में सभी श्रमिक खुशी से झूम उठे और उन्होंने खनिकों को उठा लिया। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ के आने से पहले खनिक आधे घंटे तक वहां रुके रहे।
17वें दिन पइपों के जरिए बाहर आए श्रमिक
उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में पिछले 16 दिन से फंसे सभी 41 श्रमिकों को मंगलवार को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। श्रमिकों को एक-एक करके 800 मिमी के उन पाइपों के जरिए बाहर निकाला गया जिन्हें मलबे में ड्रिल करके अंदर डालकर एक रास्ता बनाया गया था। चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन साढ़े चार किलोमीटर लंबी सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का 12 नवंबर को एक हिस्सा ढहने से उसमें फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चला रहे बचावकर्मियों को 17वें दिन यह सफलता मिली।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मजदूरों को गले लगाया
मजदूरों को निकाले जाने के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह भी मौजूद रहे। बाहर निकल रहे श्रमिकों को मुख्यमंत्री ने अपने गले लगाया तथा उनसे बातचीत की। बचाव कार्य में जुटे लोगों के साहस की भी उन्होंने सराहना की। मजदूरों को बाहर निकाले जाने के बाद सुरंग के बाहर खड़ी एंबुलेंस के जरिए उन्हें सिलक्यारा से 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बनाए गए अस्पताल में ले जाया गया।
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