Varanasi: ज्ञानवापी के सर्वे में ASI को क्या मिला? सर्वेक्षण रिपोर्ट पर अब 3 जनवरी को होगी सुनवाई
Gyanvapi Survey Report: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद की ASI सर्वे की रिपोर्ट को सभी पक्षों को सौंपने के फैसले पर सुनवाई अब 3 जनवरी को होगी। इससे पहले बीते 18 दिसंबर को एएसआई ने ज्ञानवापी सर्वेक्षण रिपोर्ट अदालत में दाखिल कर दी थी। वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते सुनवाई टल गई।

ज्ञानवापी सर्वेक्षण रिपोर्ट पर कब होगी सुनवाई?
Varanasi News Today: ज्ञानवापी के सर्वे में ASI को क्या मिला? इस सवाल का जवाब सील बंद लिफाफे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने वाराणसी की जिला अदालत में बीते 18 दिसंबर, सोमवार को दाखिल कर दी थी। जिसके बाद इस मामले पर आज यानी 21 दिसंबर को सुनवाई होनी थी, मगर वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते सुनवाई टल गई। अब अगली सुनवाई तीन जनवरी को होगी।
फैसले पर अब अदालत में 3 जनवरी को होगी सुनवाई
ज्ञानवापी मस्जिद की ASI सर्वे की रिपोर्ट को सभी पक्षों को सौंपने का फैसले पर सुनवाई अब 3 जनवरी को होगी। जिला न्यायाधीश ने लिफाफा खोलने और पक्षकारों को सर्वेक्षण रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए 21 दिसंबर की तिथि तय की थी, मगर अदालत ने वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते सुनवाई टाल दी। ज्ञानवापी परिसर का यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण वहां पहले से मौजूद किसी हिंदू मंदिर के ढांचे पर किया गया था?
सील बंद लिफाफे में दाखिल की गई सर्वे रिपोर्ट
हिन्दू याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के बाद बताया था कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने अपने अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव के जरिए ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में वाराणसी की जिला अदालत में दाखिल कर दी। अधिवक्ता यादव ने बताया था कि रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने से पहले आज मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने जिला न्यायाधीश की अदालत में याचिका दायर कर मांग की थी कि रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में प्रस्तुत की जाए और किसी को भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की इजाजत न दी जायें। रिपोर्ट पेश करते समय अदालत में एएसआई के चार वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
किसी हिंदू मंदिर के ढांचे पर किया गया था मस्जिद का निर्माण?
एएसआई ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण तब शुरू हुआ था जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा और फैसला सुनाया कि यह कदम ‘न्याय के हित में आवश्यक’ है और इस विवाद में हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को फायदा होगा।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से किया था इनकार
पूर्व की सुनवाई के दौरान, मस्जिद प्रबंधन समिति ने सर्वेक्षण पर आपत्ति जताई थी और आरोप लगाया था कि एएसआई बिना अनुमति के मस्जिद परिसर के तहखाने और अन्य स्थानों पर खुदाई कर रहा है और पश्चिमी दीवार पर मलबा जमा कर रहा है, जिससे ढांचे के ढहने का खतरा पैदा हो सकता है। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने चार अगस्त को एएसआई सर्वेक्षण पर उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
अपने आदेश में प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने, हालांकि, एएसआई से सर्वेक्षण के दौरान कोई ऐसा कार्य नहीं करने को कहा जिससे ढांचे को नुकसान हो। शीर्ष अदालत ने किसी भी तरह की खुदाई पर भी रोक लगा दी थी जबकि वाराणसी की अदालत ने कहा था कि यदि आवश्यक हो तो यह की जा सकती है।
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