मोदी कैबिनेट की बैठक में बनारस को मिला बड़ा तोहफा, इन परियोजनाओं को दी गई मंजूरी

Gift for Varanasi Airport: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 2,869.65 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में हवाई अड्डे के विकास में कई प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दिखाई गई है।

Varanasi International Airport

वाराणसी एयरपोर्ट के विस्तार के लिए मोदी कैबिनेट ने प्रस्ताव को दी मंजूरी।

Modi Cabinet Meet: मोदी कैबिनेट की बैठक में बुधवार को कई बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इसके तहत वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार और विकास का कार्य शामिल है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इससे जुड़ी जानकारी साझा की है। इसके साथ ही किसानों के लिए भी मोदी सरकार के मंत्रिमंडल ने बड़ी घोषणा की। इस लेख में जानिए वाराणसी को क्या मिला।

वाराणसी हवाई अड्डे के विकास के लिए बड़ा कदम

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 2,869.65 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में हवाई अड्डे के विकास में नए टर्मिनल भवन का निर्माण, एप्रन (पार्किंग) और हवाई पट्टी का विस्तार, समानांतर टैक्सी ट्रैक और अन्य कार्य शामिल हैं।

बनारस एयरपोर्ट के लिए क्या है प्रस्ताव का उद्देश्य

इस पर 2,869.65 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान है। भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के प्रस्ताव का उद्देश्य हवाई अड्डे की यात्री संचालन क्षमता को मौजूदा 39 लाख यात्री प्रति वर्ष से बढ़ाकर 99 लाख यात्री यात्री प्रति वर्ष करना है।

अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं को व्यवहारिक बनाने के लिए 7,453 करोड़ रुपये की योजना (वीजीएफ) को मंजूरी दी। इस योजना में एक गीगावाट (1,000 मेगावाट) की अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं (गुजरात और तमिलनाडु के तट पर 500-500 मेगावाट) की स्थापना और चालू करने के लिए 6,853 करोड़ रुपये का परिव्यय तथा अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं की लॉजिस्टिक जरूरतों को पूरा करने के लिए दो बंदरगाहों के उन्नयन के लिए 600 करोड़ रुपये का अनुदान शामिल है।

अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं से क्या होगा?

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि वीजीएफ योजना 2015 में अधिसूचित राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति के कार्यान्वयन की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका उद्देश्य भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में मौजूद विशाल अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता का उपयोग करना है। उन्होंने कहा कि सरकार से मिलने वाले वीजीएफ समर्थन से अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं से बिजली की लागत कम हो जाएगी और उन्हें बिजली वितरण कंपनियों द्वारा खरीद के लिए व्यवहारिक बनाया जा सकेगा। नोडल मंत्रालय के रूप में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, योजना के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों या विभागों के साथ समन्वय करेगा।

वधावन में विशाल बंदरगाह बनाने को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को महाराष्ट्र के वधावन में 76,200 करोड़ रुपये की लागत से सभी मौसम में अनुकूल बंदरगाह विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस बंदरगाह परियोजना का निर्माण वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (वीपीपीएल) करेगी जो जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) का एक विशेष उद्देश्यीय इकाई (एसपीवी) है। इसमें जेएनपीए और एमएमबी के पास क्रमशः 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बयान में कहा गया है कि वधावन में बनने वाला यह बंदरगाह दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में से एक होगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस परियोजना से 12 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस बड़े बंदरगाह में नौ कंटेनर टर्मिनल होंगे, जिनमें से हरेक टर्मिनल 1,000 मीटर लंबा होगा। इसमें चार बहुउद्देशीय लंगर क्षेत्र, चार लिक्विड कार्गो लंगर, एक रो-रो लंगर और एक तटरक्षक लंगर शामिल होंगे।

सरकार ने धान का एमएसपी 117 रुपये बढ़ाया

सरकार ने बुधवार को खरीफ विपणन सत्र 2024-25 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5.35 प्रतिशत बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी सरकार के पास अधिशेष चावल भंडार होने के बावजूद हुई है। हालांकि हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में चुनावों से पहले यह महत्वपूर्ण पहल है। एमएसपी वृद्धि की घोषणा करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 14 खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्यों को मंजूरी दी है।
वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया कि आगामी खरीफ मौसम के लिए 'सामान्य' ग्रेड के धान का एमएसपी 117 रुपये बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि ‘ए’ ग्रेड किस्म के लिए इसे बढ़ाकर 2,320 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2018 के केंद्रीय बजट में एक स्पष्ट नीतिगत निर्णय लिया था कि एमएसपी उत्पादन की लागत से कम से कम 1.5 गुना होना चाहिए और नवीनतम एमएसपी वृद्धि में इस सिद्धांत का पालन किया गया है। उन्होंने कहा कि लागत की गणना सीएसीपी ने वैज्ञानिक तरीके से की है।
भारतीय खाद्य निगम के पास वर्तमान में लगभग 5.34 करोड़ टन चावल का रिकॉर्ड भंडार है, जो एक जुलाई तक के लिए आवश्यक बफर से चार गुना अधिक है। यह बिना किसी नई खरीद के एक साल के लिए कल्याणकारी योजनाओं के तहत मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। मौसम विभाग के अनुसार, एक जून को मानसून की शुरुआत के बाद से देश भर में लगभग 20 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। इसके बावजूद अब मौसम की स्थिति बारिश को आगे बढ़ने के लिए अनुकूल है।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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