विश्वविद्यालयों में VC की नियुक्ति के लिए राज्यपाल स्वतंत्र, राज्य सरकारें नहीं कर सकतीं हस्तक्षेप, SC का बड़ा फैसला

Universities VCs Appointment Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि विश्वविद्यालयों (Universities) के कुलाधिपति (Chancellors) के तौर पर राज्यपाल (Governors) कुलपतियों (Vice-Chancellors) की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र है। राज्य सरकारें हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं।

वीसी की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

Universities VCs Appointment Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि विश्वविद्यालयों (Universities) के कुलाधिपति (Chancellors) के तौर पर राज्यपालों (Governors) को कुलपतियों (Vice-Chancellors) की नियुक्ति के लिए राज्य सरकारों से स्वतंत्र कार्य करना होगा और कन्नूर विश्वविद्यालय के वीसी की पुनर्नियुक्ति को रद्द कर दिया। इसे केरल सरकार द्वारा 'अनुचित हस्तक्षेप' करार दिया गया। एक फैसला जो किसी यूनिवर्सिटी के मामलों को कुलाधिपति के रूप में संचालित करने के लिए राज्यपाल को प्रदत्त स्वायत्त शक्तियों को भी रेखांकित किया।

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बैंच ने 2021 में कन्नूर यूनिवर्सिटी के वीसी के रूप में जी रवींद्रन की पुनर्नियुक्ति को रद्द कर दिया क्योंकि यह पाया गया कि केरल ने अपने नामांकित व्यक्ति को फिर से नियुक्त करने के लिए अपनी शक्तियों का उल्लंघन किया था। भले ही राज्यपाल ने वीसी पद भरने की प्रक्रिया चयन को गति दे दी हो।

न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा कि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि हालांकि रवींद्रन को वीसी के पद पर दोबारा नियुक्त करने की अधिसूचना चांसलर द्वारा जारी की गई थी, फिर भी निर्णय बाहरी विचारों के प्रभाव या दूसरे शब्दों में कहें तो राज्य के अनुचित हस्तक्षेप के कारण दूषित हो गया।

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