बेहमई सामूहिक हत्याकांड मामले में 43 साल बाद आया फैसला: एक को उम्रकैद, फूलन देवी भी थीं आरोपी
Verdict in Behmai Mass Murder Case: बेहमई हत्याकांड का फैसला ठीक 43 साल बाद आया है इस हत्याकांड को 14 फरवरी 1981 को अंजाम दिया गया था और अब इस केस का फैसला आया है।
43 साल पहले 14 फरवरी को हुआ था बेहमई कांड (फाइल फोटो)
- बेहमई सामूहिक हत्याकांड के 43 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया गया
- वारदात के दोषी एक व्यक्ति को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है
- दस्यु फूलन देवी और उसके गिरोह ने 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी
Verdict in Behmai Mass Murder Case: कानपुर देहात के चर्चित बेहमई सामूहिक हत्याकांड के 43 साल पुराने मामले में बुधवार को फैसला सुनाया गया। वारदात के दोषी एक व्यक्ति को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। कानपुर देहात के चर्चित बेहमई सामूहिक हत्याकांड के 43 साल पुराने मामले में बुधवार को फैसला सुनाया गया। वारदात के दोषी एक व्यक्ति को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।
कानपुर देहात के जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव पौडवाल ने बताया कि 14 फरवरी 1981 को कानपुर देहात के राजपुर थाना क्षेत्र स्थित बेहमई गांव में दस्यु फूलन देवी और उसके गिरोह ने 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
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एक आरोपी श्याम बाबू को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा
उन्होंने बताया कि इस मामले में कानपुर देहात की डकैती रोधी अदालत के न्यायाधीश अमित मालवीय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एक आरोपी श्याम बाबू को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है जबकि एक अन्य आरोपी विश्वनाथ को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
मुख्य अभियुक्त फूलन देवी समेत कुल 36 लोगों को आरोपी बनाया गया
पौडवाल ने बताया कि इस वारदात में मुख्य अभियुक्त फूलन देवी (Phoolan Devi) समेत कुल 36 लोगों को आरोपी बनाया गया था। उनमें से श्याम बाबू और विश्वनाथ को छोड़कर बाकी सभी की मृत्यु हो चुकी है। कानपुर देहात के राजपुर थाना क्षेत्र स्थित बेहमई गांव में 14 फरवरी 1981 को फूलन देवी ने 20 लोगों को एक कतार में खड़ा कर उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं जिससे उन सभी की मौत हो गई थी। इस लोमहर्षक वारदात की पूरे देश में चर्चा हुई थी।
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