गृह युद्ध की दिशा में बढ़ रहा देश! विहिप ने दी चेतावनी; जिहादी आक्रांताओं की सूची जारी

हिंदुओं पर जिहादियों के सैकड़ों हमलों की सूची जारी कर विश्व हिंदू परिषद ने चेतावनी दी है। विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि कथित सेकुलर सत्ता के मोह में इन जिहादियों को भड़का कर उनकी हिंसक प्रवृत्तियों को प्रोत्साहन दे रहे हैं और देश को गृह युद्ध की दिशा में ले जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

डॉ. सुरेंद्र जैन, संयुक्त महामंत्री, विश्व हिंदू परिषद

नई दिल्ली: भारत में जिहादी तत्व हिंदू समाज, उनके उत्सवों और मंदिरों पर लगातार आक्रमण कर रहे हैं। इन आक्रमणों की सूचियां जारी करते हुए विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि इन सूचियों से सिद्ध होता है कि जिहादी आक्रांता हैं, पीड़ित नहीं। भारत की कथित सेकुलर और मुस्लिम पार्टियों और नेताओं को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि वे सत्ता के मोह में इन जिहादियों को भड़का कर उनकी हिंसक प्रवृत्तियों को प्रोत्साहन दे रहे हैं और देश को गृह युद्ध की दिशा में ले जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जबकि, जिहादियों को संरक्षण नहीं, सबक सिखाने की जरूरत है। देश के संविधान, कानून, न्यायपालिका तथा राष्ट्रीय सभ्यताओं और परंपराओं का सम्मान करना, प्रत्येक नागरिक के लिए आवश्यक है। यह शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की आवश्यक शर्त भी है।

आक्रमणों और अत्याचारों की सूची

उन्होंने बताया कि 300 से अधिक घटनाओं की सूचियां केवल जनवरी 2023 से 2024 की छठ पूजा तक के आक्रमणों और अत्याचारों की है। यह इस अवधि में भी हुए अत्याचारों और आक्रमणों का भी केवल दशांश है। इन हमलों की बर्बरता व क्रूरता तो अमानवीय है ही, उनके प्रकार भी मानव कल्पना से परे हैं। आतंक जिहाद, लव जिहाद, लैंड जिहाद, जनसंख्या जिहाद से तो संपूर्ण विश्व त्रस्त है ही, अब थूक जिहाद, पेशाब जिहाद, ट्रेन जिहाद, अवयस्क जिहाद आदि से उनकी गैर मुसलमानों के प्रति नफरत सामने आ रही है। गैर मुसलमानों के प्रति उनकी नफरत कहां से आती है, आज संपूर्ण विश्व के चिंतक इसका जवाब खोज रहे हैं।

कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार

उन्होंने कहा कि इन जिहादी आक्रमणों और अत्याचारों की वीभत्सता विश्वव्यापी है। चाहे हमास के हमले हों या बांग्लादेशी जिहादियों के, चाहे कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार हो या बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे हमले, इन सब में क्रूरता और वासना का नंगा नाच समान रूप से दिखाई देता है। इनका यही चरित्र मानवता को 1400 वर्षों से त्रस्त कर रहा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा आश्चर्य है कि विश्व के सबसे बड़े आक्रांता अपने आप को पीड़ित बताते हैं। विश्व में कहीं इस्लामोफोबिया नहीं है। वास्तव में ये ही काफिरोफोबिया से ग्रस्त हैं।

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