प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से 'येचुरी' का इंकार, विहिप का पलटवार- अच्छा होता राम और रामत्व की ओर लौट जाते

Ram Mandir Pran Pratishtha: विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, देश राम और रामत्व की ओर लौट रहा है और आप कब तक इनका विरोध करेंगे। आपको भी राम, रामत्व तथा इस भारत को अपना लेना चाहिए। अब यह आपके हित में है। अन्यथा, लोग जानते हैं कि किस तरह जवाब देना है।

राम मंदिर

Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले सबकी नजर विपक्ष के नेताओं पर है। हर कोई देखना चाहता है कि इस प्राण प्रतिष्ठा में विपक्ष के कौन-कौन से नेता शामिल होना होते हैं। इस बीच सबसे पहले माकपा नेता सीताराम येचुरी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि धर्म व्यक्तिगत पसंद का मामला है और इसे राजनीतिक फायदे के लिए औजार नहीं बनाया जाना चाहिए।
माकपा नेता येचुरी के बयान के बाद विहिप की प्रतिक्रिया सामने आई है। विश्व हिंदू परिषद ने मंगलवार को कहा है कि अगर वह राम, रामत्व और भारत की ओर लौट जाते हैं तो यह उनके हित में होगा। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक्स पर लिखा, खबर है कि सीताराम नाम वाले सज्जन अयोध्या नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, राजनीतिक विरोध समझ में आता है, लेकिन अगर किसी को उनके नाम से ही इतनी घृणा है तो वह केवल कम्युनिस्ट हो सकते हैं।

विरोध भगवान से है या अपने नाम से?

बंसल ने वीडियो जारी कर एक बयान में कहा कि येचुरी की पार्टी की प्रतिबद्धता अलग हो सकती है, लेकिन यह साफ नहीं है कि माकपा महासचिव का विरोध भगवान राम से है या अपने ही नाम से है। उन्होंने कहा, इस पर सफाई आनी चाहिए। विहिप नेता ने कहा, देश राम और रामत्व की ओर लौट रहा है और आप कब तक इनका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि येचुरी को वापसी करनी चाहिए और राम, रामत्व तथा इस भारत को अपना लेना चाहिए। बंसल ने कहा, अब यह आपके हित में है। अन्यथा, लोग जानते हैं कि किस तरह जवाब देना है।
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