रामचरितमानस विवाद पर VHP की मांग- राजद और सपा की मान्यता रद्द करे चुनाव आयोग
Ramcharitmanas controversy: विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने और समाजवादी पार्टी (सपा) तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आग्रह करने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार से मिलने का समय मांगा है।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार
Ramcharitmanas controversy: रामचरितमानस पर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और बिहार से मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस में लिखी कुछ पंक्तियों को दलितों पिछड़ी जातियों के खिलाफ बताकर उन्हें हटाने की मांग की। इसके बाद इस सियासी विवाद शु्रू हो गया। अब विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने चुनाव आयोग को सपा और आरजेडी की मान्यता रद्द कर देनी चाहिए क्योंकि उन्होंने रामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करके उन बुनियादी शर्तों का उल्लंघन किया है जिनके तहत उन्हें राजनीतिक दलों के रूप में रजिस्टर्ड किया गया था।संबंधित खबरें
संगठन ने एक बयान में कहा कि विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने और समाजवादी पार्टी (सपा) तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आग्रह करने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार से मिलने का समय मांगा है। कुमार ने आरोप लगाया कि रामचरित मानस का अपमान करने के सपा के स्वामी प्रसाद मौर्य के हाल के बयान और इसके पन्नों को जलाया जाना भारत के नागरिकों के एक बड़े वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का जानबूझकर किया गया दुर्भावनापूर्ण कृत्य है। उन्होंने दावा किया कि तथ्य यह है कि मौर्य को उनकी टिप्पणी के तुरंत बाद सपा द्वारा महासचिव के पद पर पदोन्नत किया गया जो यह साबित करता है कि उनके बयान को उनकी पार्टी का समर्थन प्राप्त है। संबंधित खबरें
कुमार ने बयान में आरोप लगाया कि इसी तरह, राजद नेता चंद्रशेखर ने भी रामचरितमानस और अन्य पवित्र पुस्तकों की जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण आलोचना की, जिससे कि हिंदू समाज में आक्रोश पैदा हो, अविश्वास पैदा हो और विभाजन हो। उन्होंने दावा किया कि राजद ने चंद्रशेखर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है जो यह साबित करता है कि उनके बयान को पार्टी का समर्थन प्राप्त है।संबंधित खबरें
कुमार ने कहा कि सपा और राजद दोनों ने उन बुनियादी शर्तों का उल्लंघन किया है, जिन पर दलों का पंजीकरण किया गया था और यह उनका पंजीकरण वापस लेने का उचित मामला बनता है। उन्होंने कहा कि विहिप जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए की ओर सीईसी का ध्यान आकर्षित करना चाहती है।संबंधित खबरें
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