Nirbhaya Fund: जिन गाड़ियों से महिलाओं की जानी थी सुरक्षा, वो शिंदे गुट के सांसदों की सिक्योरिटी में लगे रहे
Nirbhaya Fund: मुंबई पुलिस ने जून में 220 बोलेरो, 35 एर्टिगा, 313 पल्सर मोटरसाइकिल और 200 एक्टिवा दोपहिया वाहनों की खरीद की थी। इन गाड़ियों की खरीद में निर्भया फंड का इस्तेमाल किया गया था। इन गाड़ियों को खरीदने के बाद इन्हें विभिन्न थानों में बांट दिया गया था। इन गाड़ियों के सहारे ही पुलिस इलाके में पेट्रोलिंग कर रही थी।
शिंदे गुट के सांसदों की सुरक्षा में लगे हैं निर्भया फंड से खरीदे गए वाहन
महाराष्ट्र में शिंदे सरकार पर एक गंभीर आरोप लगा है। शिंदे सरकार पर आरोप है कि उसने निर्भया फंड से खरीदी गई पुलिस की गाड़ियों का इस्तेमाल नेताओं की सुरक्षा के लिए की है। निर्भया फंड का इस्तेमाल, महिला सुरक्षा पर किया जाता है। मतलब महिला सुरक्षा के नाम पर जिन गाड़ियों की खरीद हुई, वो शिंदे गुट के सांसदों की सुरक्षा में लगा दी गई।
विपक्ष ने बोला हमला
इस मामले के सामने आने पर शिंदे सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। कांग्रेस और एनसीपी इस मामले को लेकर शिंदे सरकार पर हमला बोल रही है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा- "क्या सत्तारूढ़ सांसदों की सुरक्षा महिलाओं को दुर्व्यवहार से बचाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है? निर्भया फंड का इस तरह से इस्तेमाल अपमानजनक है।"
कितनी गाड़ियां
मिली जानकारी के अनुसार इस साल मुंबई पुलिस ने जून में 220 बोलेरो, 35 एर्टिगा, 313 पल्सर मोटरसाइकिल और 200 एक्टिवा खरीदी थी। इन गाड़ियों को खरीदने में 30 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जो निर्भया फंड से दिया गया था। इन गाड़ियों को सभी 97 पुलिस थानों, साइबर, यातायात और तटीय पुलिस इकाइयों में बांट दिया गया था।
मिला था आदेश
इसके बाद जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को छोड़, राज्य में सरकार बना ली, तो पुलिस को एक आदेश मिला। खरीदी गई 47 गाड़ियों को नेताओं की सुरक्षा के लिए मंगा लिया गया। कहा गया था कि वाई श्रेणी प्रदान करने के लिए शिंदे गुट के सांसदों और विधायकों के लिए एस्कॉर्ट वाहन की जरूरत है, इसलिए ये गाड़ियां भेज दी जाएं।
कुछ गाड़ियां वापस
बाद में इन सांसदों की सुरक्षा में लगे 17 वाहनों को जरूरत पूरी होने पर वापस थाने भेज दिया गया, लेकिन 30 गाड़ियां आजतक थानों को वापस नहीं मिली। पुलिस इन गाड़ियों के बिना ही अपना काम चला रही है।
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शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
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