Vijay Diwas: जब आसमान से उतरे 700 जवान, पाक सेना के लिए ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ तंगेल पैराड्राप

Vijay Diwas News: 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की ऐसी हार हुई कि वह सदियों को तक नहीं भूल सकेगा। उसके दो टुकड़े हो गए। उसके 93,000 सैनिकों को भारतीय सेना के आगे समर्पण करना पड़ा। कहते हैं कि युद्ध में दुश्मन के मन में अगर आपने खौफ पैदा कर दिया तो आपने जंग एक तरह से जीत ली।

1971 के युद्ध में पाकिस्तान की पराजय हुई।

Vijay Diwas News: भारत-पाकिस्तान के बीच तीन दिसंबर से 16 दिसंबर तक चली इस लड़ाई में एक नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ। पूर्वी पाकिस्तान का अस्तित्व खत्म हुआ और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश अस्तित्व में आया। शेख मुजीबुर रहमान इस देश के पहले प्रधानमंत्री बने। पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों से मुक्ति और अपनी भाषाई अस्मिता एवं पहचान के लिए मुजीबुर की अगुवाई में मुक्त वाहिनी ने लंबी लड़ाई लड़ी। अपने राष्ट्रीय हितों के लिए भारत को इस युद्ध में दखल देना पड़ा। भारतीय सेना ने पूर्वी एवं पश्चिमी पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर लड़ते हुए अपनी वीरता, शौर्य एवं पराक्रम की अद्भुत मिसाल पेश की। इस युद्ध में सेना, नौसेना एवं वायु सेना का गजब का सहयोग एवं समन्वय देखने को मिला। इसे एक तरह से भारत के पहले थियेटर कमान का नायाब उदाहरण माना जा सकता है।
1971 के युद्ध में पाकिस्तान की ऐसी हार हुई कि वह सदियों को तक नहीं भूल सकेगा। उसके दो टुकड़े हो गए। उसके 93,000 सैनिकों को भारतीय सेना के आगे समर्पण करना पड़ा। कहते हैं कि युद्ध में दुश्मन के मन में अगर आपने खौफ पैदा कर दिया तो आपने जंग एक तरह से जीत ली। भारतीय सेना ने दुश्मन पाकिस्तान के सेना में खौफ इस कदर भर दिया था कि वे लड़ाई से पहले हार मान चुके थे। संख्या में ज्यादा होने के बावजूद उन्होंने हथियार डाल दिए। उनका मनोबल टूट चुका था। उन्होंने जान बचाने के लिए सरेंडर करना ही बुद्धिमानी समझी। मराठी इंफ्रैंट्री की जंगी पलटन ने जमालपुर में पाकिस्तानी सैनिकों को इस तरह से घेरा कि वे इससे बाहर नहीं निकल पाए।
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