विजय माल्या ने किया कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख, बैंकों से लोन रिकवरी खातों के लिए लगाई गुहार; अदालत ने जारी किया नोटिस
Vijay Mallya moves Karnataka High Court: विजय माल्या का क्या होगा, क्या वो कभी भारत आएगा या नहीं? ये बहुत साधारण सवाल हैं। इसी बीच भगोड़े माल्या को लेकर अहम जानकारियां सामने आई हैं। लोन रिकवरी अकाउंट्स की बैंकों से मांग करने के लिए माल्या ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया है। माल्या के वकील ने अदालत में क्या कुछ कहा, इस रिपोर्ट में पढ़िए।

भगोड़ा व्यवसायी विजय माल्या
Court News: भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या ने बैंकों से ऋण वसूली खातों की मांग करते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। माल्या की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैया पेश हुए। माल्या के वकील के अनुसार 6,200 करोड़ रुपये चुकाए जाने थे, लेकिन 14,000 करोड़ रुपये वसूल किए जा चुके हैं। माल्या के वकील ने दावा किया कि वित्त मंत्री ने लोकसभा को इसकी जानकारी दी है।
माल्या की याचिका के आधार पर अदालत ने जारी किया था नोटिस
माल्या के वकील ने तर्क दिया है कि ऋण वसूली अधिकारी ने कहा है कि 10,200 करोड़ रुपये वसूल किए जा चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि भले ही पूरी ऋण राशि का भुगतान हो चुका है, लेकिन प्रक्रिया अभी भी जारी है। इसलिए बैंकों को वसूले गए ऋण राशि का विवरण प्रदान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। माल्या की याचिका के आधार पर न्यायमूर्ति आर देवदास की अगुवाई वाली उच्च न्यायालय की पीठ ने बैंकों और ऋण वसूली अधिकारियों को नोटिस जारी किया था। माल्या फिलहाल लंदन में रह रहे हैं और कथित ऋण चूक के लिए भारत सरकार की ओर से उनके प्रत्यर्पण के प्रयास चल रहे हैं।
विजय माल्या की याचिका पर बैंकों को नोटिस जारी किया
शराब कारोबारी विजय माल्या ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष बुधवार को दावा किया कि बैंकों की ओर से वसूली गई राशि उनके द्वारा लिये गये कर्ज से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि बैंकों का उन पर 6,200 करोड़ रुपये का कर्ज है लेकिन इससे ‘‘कई गुना अधिक’’ वसूल किया जा चुका है। उन्होंने उनसे, यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड (यूबीएचएल, जो अब परिसमापन में है) और अन्य देनदारों से वसूल की गई राशि का ब्योरा मांगा है। उच्च न्यायालय ने भगोड़े कारोबारी द्वारा तीन फरवरी को दायर याचिका के जवाब में बुधवार को बैंकों को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति आर. देवदास ने बैंकों को 13 फरवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया।
याचिका में अंतरिम राहत के रूप में संशोधित वसूली प्रमाणपत्र के तहत बैंकों द्वारा भविष्य में किसी भी प्रकार की संपत्ति की बिक्री पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है। माल्या का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैया ने दलील दी कि किंगफिशर एयरलाइंस और उसकी होल्डिंग कंपनी यूबीएचएल के खिलाफ परिसमापन आदेश को उच्चतम न्यायालय समेत सभी न्यायिक स्तरों पर बरकरार रखा गया है। उन्होंने दलील दी कि ऋण पहले ही वसूल लिया गया है, फिर भी माल्या के खिलाफ अतिरिक्त वसूली की कार्रवाई जारी है।
इससे पहले 18 दिसंबर, 2024 को विजय माल्या ने दावा किया था कि बैंकों ने उनसे "6203 करोड़ रुपये के निर्णय ऋण के विरुद्ध" 14,131.60 करोड़ रुपये वसूल किए हैं, लेकिन वे "आर्थिक अपराधी" बने हुए हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि जब तक प्रवर्तन निदेशालय और बैंक कानूनी रूप से यह साबित नहीं कर सकते कि उन्होंने ऋण का दोगुना से अधिक कैसे लिया है, तब तक वे राहत के हकदार हैं
माल्या ने पूछा- उन्होंने कर्ज से दो गुना से अधिक कैसे लिया है?
माल्या ने कहा, "ऋण वसूली न्यायाधिकरण ने केएफए (किंगफिशर एयरलाइंस) के ऋण को 1200 करोड़ रुपये के ब्याज सहित 6203 करोड़ रुपये आंका है। वित्त मंत्री ने संसद में घोषणा की कि ईडी के माध्यम से बैंकों ने मुझसे 6203 करोड़ रुपये के जजमेंट डेट के बदले 14,131.60 करोड़ रुपये वसूले हैं और मैं अभी भी आर्थिक अपराधी हूं। जब तक ईडी और बैंक कानूनी रूप से यह साबित नहीं कर देते कि उन्होंने कर्ज से दो गुना से अधिक कैसे लिया है, मैं राहत पाने का हकदार हूं, जिसके लिए मैं प्रयास करूंगा।"
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई प्रमुख मामलों को सूचीबद्ध किया था, जहां प्रवर्तन निदेशालय ने समय-समय पर आर्थिक अपराध मामलों से जुड़े व्यक्तियों और कंपनियों की संपत्तियां जब्त की हैं। 2024-2025 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों - पहले बैच पर बहस का जवाब देते हुए, उन्होंने मंगलवार शाम लोकसभा को बताया कि केंद्रीय प्रवर्तन एजेंसी ने लगभग 22,280 करोड़ रुपये की संपत्ति सफलतापूर्वक बहाल की है - जिसमें केवल प्रमुख मामले शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि बरामद की गई संपत्तियों में से, भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या की 14,131.6 करोड़ रुपये की पूरी जब्त संपत्ति सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वापस कर दी गई है।
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