चीनी मामलों के एक्सपर्ट हैं देश के नए विदेश सचिव विक्रम मिस्री, NSA डोभाल से सीखा है कूटनीतिक दांव-पेंच
New Foreign Secretary: देश के नए विदेश सचिव की घोषणा हो गई है। सरकार ने डिप्टी NSA विक्रम मिस्री को देश का अगला विदेश सचिव बनाने की घोषणा की है। मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के अनुसार विक्रम मिस्री 15 जुलाई से अपना कार्यभार संभालेंगे।
देश के नए विदेश सचिव बने विक्रम मिस्री।
- 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी हैं विक्रम मिस्री
- गलवान घाटी की झड़प के बाद चीन में भारत के राजदूत रह चुके हैं
- इंद्र कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और पीएम मोदी के निजी सचिव रह चुके हैं
Vikram Misri : उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री देश के अगल विदेश सचिव बनेंगे। भारत सरकार ने इस पद पर शुक्रवार को उनकी नियुक्ति की। मिस्री 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी हैं। वह 15 जुलाई से अपना नया पद भार संभालेंगे। अभी वह उप राष्ट्रीय सलाहकार हैं। वह मौजूदा विदेश सचिव विनय क्वात्रा की जगह लेंगे। छह महीने का सेवा विस्तार पाए क्वात्रा 14 जून तक विदेश सचिव पद पर रहेंगे। क्वात्रा के बारे में चर्चा है कि उन्हें अमेरिका में भारत का राजदूत नियुक्त किया जा सकता है। मिस्री को चीन मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है। 2020 की गलवान घाटी की झड़प के बाद वह चीन में भारत के राजदूत रहे। गलवान झड़प के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और चीनी प्रशासन के साथ बातचीत में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है।
तीन पीएम के निजी सचिव भी रहे
मिस्री की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब भारत पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद चीन के साथ अपने कमजोर संबंधों सहित विदेश नीति से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों से निपटने की कोशिश कर रहा है। मिस्री तीन प्रधानमंत्रियों के निजी सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, जिनमें इंद्र कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेन्द्र मोदी शामिल हैं।
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उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त होने से पहले मिस्री ने 2019 से 2021 तक चीन में भारत के राजदूत के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं। ऐसा माना जाता है कि 59 वर्षीय मिस्री ने जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत और चीन के बीच बढ़े तनाव के दौर में दोनों देशों के बीच बातचीत में अहम भूमिका निभाई थी।
कई मिशन में काम किया
यही नहीं देश के लिए कई महत्वपूर्ण मिशनों में भी उन्होंने काम किया है। जिनमें यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका में विभिन्न भारतीय मिशन शामिल थे। साल 2020 में जून में लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के दौरान विक्रम मिस्री ने दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत में हिस्सा लिया था। इसके साथ ही विक्रम मिस्री यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तर अमेरिका सहित भारत के कई दूतावासों में सेवाएं दी हैं।
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