रामनवमी के दिन हिंसा पर सियासत, 'आखिर ममता बनर्जी की ममता एक खास वर्ग के लिए क्यों'

Ram navami violence in West Bengal: हावड़ा और दूसरे शहरों में रामनवमी के दिन हिंसा के बाद सियासत गरमा गई है। सीएम ममता बनर्जी के उस बयान से बीजेपी खफा है जिसमें कहा गया था कि सांप्रदायिकता के लिए बाहर से गुंडे बुलाए जाते हैं।

Ram navami violence in West Bengal: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि रामनवमी के दिन राज्य के कुछ हिस्सों में जहां हिंसा हुई उसके लिए कुछ खास लोग जिम्मेदार हैं। बड़ी बात यह है कि सांप्रदायिकता फैलाने के लिए बाहर से गुंडे बुलाए जाते हैं जो माहौल खराब कर रहे हैं। लेकिन उनके इस बयान के बाद सियासत गरमा गई है। बीजेपी के नेताओं ने कहा कि ममता जी कि यही भाषा दूसरे त्योहारों पर क्यों नहीं निकलती है, तुष्टीकरण की राजनीति की भी हद होती है।

पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में रामनवमी की शोभा यात्रा निकाले जाने के दौरान दो समूहों के बीच हिंसा हो गयी, जिसमें कई वाहनों को आग लगा दी गयी और दुकानों में तोड़फोड़ की गयीपुलिस ने कहा कि घटना के संबंध में कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।पश्चिम बंगाल में अन्य स्थानों पर ढोलों की थाप तथा ‘जय श्रीराम’ के जयघोष के साथ रामनवमी का उत्सव मनाया गया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं की अगुवाई में शोभायात्राएं निकाली गईं।

हावड़ा, खड़गपुर, बैरकपुर, भद्रेश्वर, सिलीगुड़ी और आसनसोल में निकाली गई शोभायात्रा में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। इन शोभायात्राओं में ढोल, भगवा ध्वज और भगवान राम के चित्र वाले बड़े-बड़े कटआउट प्रमुखता से दिखाई दिये। इनमें भाग लेने वालों में से कुछ तलवार और त्रिशूल भी लिए हुए थे।हावड़ा के रामराजातला में ऐसी ही एक रैली में शामिल भाजपा नेता सजल घोष ने इस संबंध में कहा कि उस समय बुराई के खिलाफ ऐसे हथियारों के इस्तेमाल की जरूरत थी। कोलकाता के पार्षद घोष ने कहा कि भगवान राम ने राक्षसों को मारने के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया था। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने रामराजतला स्थित 300 साल पुराने राम मंदिर में पूजा-अर्चना की।

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