बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर हिंसा, 6 लोगों की मौत, आरक्षण व्यवस्था पर क्यों मचा हंगामा?

चार प्रमुख शहरों में अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के जवानों को बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे पूर्व सैकड़ों पुलिसकर्मी रात भर देश भर के सार्वजनिक विश्वविद्यालय परिसरों में तैनात रहे।

Bangladesh violence

बांग्लादेश में हिंसा

Violence in Bangladesh Over Reservation: सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर बांग्लादेश के प्रमुख शहरों में भारी हंगामा मचा हुआ है और मोतौं का सिलसिला जारी है। आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच हुई झड़प में मंगलवार को तीन छात्रों सहित कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए। अधिकारियों को मंगलवार को चार प्रमुख शहरों में अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के जवानों को बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे पूर्व सैकड़ों पुलिसकर्मी रात भर देश भर के सार्वजनिक विश्वविद्यालय परिसरों में तैनात रहे।

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बीजीबी के जवानों को बुलाना पड़ा

पुलिस और मीडिया ने राजधानी ढाका और उत्तरपूर्वी बंदरगाह शहर चट्टोग्राम में दो और लोगों की मौत होने की सूचना दी है, जबकि इससे पहले राजधानी ढाका, चट्टोग्राम और उत्तर पश्चिमी रंगपुर में चार लोग की मौत हुई थी। खबरों के अनुसार के अनुसार मृतकों में कम से कम तीन छात्र हैं। अधिकारियों को मंगलवार को चार प्रमुख शहरों में अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के जवानों को बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे पूर्व सैकड़ों पुलिसकर्मी रात भर देश भर के सार्वजनिक विश्वविद्यालय परिसरों में तैनात रहे।

अगले आदेश तक स्कूल और कॉलेज बंद

इस बीच, सरकार ने बढ़ती हिंसा के मद्देनजर अगले आदेश तक स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है। शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी हाई स्कूल, कॉलेज, मदरसे और 'पॉलिटेक्निक' संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे। यह झड़पें सोमवार को तब शुरू हुईं, जब सत्तारूढ़ अवामी लीग के छात्र मोर्चे के कार्यकर्ता प्रदर्शनकारियों के सामने आ गए। प्रदर्शनकारी इस बात पर जोर दे रहे थे कि मौजूदा आरक्षण व्यवस्था सरकारी सेवाओं में मेधावी छात्रों के नामांकन को काफी हद तक रोक रही है।

चार शहरों में सड़क-रेल मार्ग बाधित

प्रदर्शनकारियों ने चार महत्वपूर्ण शहरों मध्य ढाका, उत्तर पश्चिम राजशाही, दक्षिण पश्चिम खुलना और चट्टोग्राम में राजमार्ग और रेल मार्ग बाधित किए। ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रथम और द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए एक सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शन में अग्रणी भूमिका निभाई है। छात्रों की मांग है कि मौजूदा आरक्षण प्रणाली में सुधार करते हुए प्रतिभा के आधार पर सीटें भरी जाएं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे सोमवार को ढाका और उसके बाहरी इलाकों में दो सरकारी विश्वविद्यालयों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, तभी उन पर सत्तारूढ़ पार्टी के छात्र कार्यकर्ताओं ने लाठी, पत्थर व चाकू आदि से हमला कर दिया।

क्या है मौजूदा आरक्षण व्यवस्था

मौजूदा आरक्षण व्यवस्था के तहत 30 फीसदी नौकरियां 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बच्चों और पौत्र-पौत्रियों के लिए, प्रशासनिक जिलों के लिए 10 प्रतिशत, महिलाओं के लिए 10 प्रतिशत, जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए पांच प्रतिशत और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए एक प्रतिशत नौकरियां आरक्षित हैं। आरक्षण व्यवस्था के तहत महिलाओं, दिव्यांगों और जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान है। इस प्रणाली को 2018 में निलंबित कर दिया गया था, जिससे उस समय इसी तरह के विरोध प्रदर्शन रुक गए थे। लेकिन, पिछले महीने बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले नायकों के परिवार के सदस्यों के लिए 30 प्रतिशत कोटा बहाल करने का आदेश दिया। इससे नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।

स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के वंशजों को आरक्षण का विरोध

प्रदर्शनकारी दिव्यांग लोगों और जातीय समूहों के लिए छह प्रतिशत कोटे का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन वे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के वंशजों को आरक्षण के खिलाफ हैं। पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश पर चार हफ्ते के लिए रोक लगा दी थी और प्रधान न्यायाधीश ने प्रदर्शनकारियों से कहा था कि वे विरोध-प्रदर्शन समाप्त कर अपनी कक्षाओं में वापस लौट जाएं। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह चार सप्ताह के बाद इस मुद्दे पर फैसला करेगा। इसके बावजूद, विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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