Waqf Act Amendment Bill: क्या है वक्फ बोर्ड कानून, क्यों पड़ी संशोधन की जरुरत? जानें कौन-कौन सी पार्टियांं कर रही इस बिल का विरोध
Waqf Amendment Bill: भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करने वाली है। इस बीच, वक्फ बोर्ड कानून में संसोधन का कई पार्टियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। इस कानून में 40 संसोधन किए जा सकते हैं। अन्य विपक्षी दलों के साथ सपा भी इस संसोधन का विरोध कर सकती है।
केन्द्र सरकार आज लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 करेगी पेश
Waqf Amendment Bill: भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करने वाली है, जो वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करेगा। इस विधेयक का उद्देश्य राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और सर्वेक्षण तथा अतिक्रमणों को हटाने से संबंधित मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करना है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को गुरुवार को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
कांग्रेस समेत ये पार्टियां कर रही विरोध
इस विपक्ष समेत देश की कई पार्टियां इस संशोधन का विरोध कर रही है। जानकारी के अनुसार, समाजवादी पार्टी संसद में वक्फ विधेयक का विरोध करेगी। वक्फ बोर्ड कानून के संशोधन का समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से संसद में विरोध किया जा सकता है। इसकी वजह से इस मुद्दे पर संसद में हंगामा भी हो सकता है। ओवैसी ने अभी हाल में कहा था कि इससे पता चलता है कि मोदी सरकार बोर्ड की स्वायत्तता छीनना चाहती है और उसके कामकाज में दखल देना चाहती है। यह स्वयं देश में धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।
असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया था कि भाजपा शुरू से ही इन बोर्डों और वक्फ संपत्तियों के खिलाफ रही है और वे हिंदुत्व एजेंडे पर काम कर रहे हैं। अब यदि आप वक्फ बोर्ड की स्थापना और संरचना में संशोधन करते हैं, तो प्रशासनिक अराजकता होगी, वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म हो जायेगी और यदि वक्फ बोर्ड पर सरकार का नियंत्रण बढ़ जायेगा, तो वक्फ की स्वतंत्रता खत्म हो जायेगी। बता दें, सरकार ने वक्फ संपत्ति (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली), विधेयक, 2014 को वापस लेने का फैसला किया है, जिसे फरवरी 2014 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय राज्यसभा में पेश किया गया था।
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