Waqf Amendment Act: वक्फ अधिनियम को लेकर राहुल गांधी पर भड़की बसपा प्रमुख मायावती, कह दी ये बात
Mayawati: वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी देने के लिए संसदीय चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी की चुप्पी पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सवाल उठाया है।

मायावती ने वक्फ अधिनियम पारित होने पर राहुल गांधी की चुप्पी की आलोचना की
Mayawati: बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने शनिवार को वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी देने के लिए संसदीय चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाया, जो अब एक अधिनियम है। उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा वक्फ अधिनियम में संशोधनों को असंवैधानिक करार दिए जाने के बावजूद गांधी चुप रहे, ठीक उसी तरह जैसे उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध किया था। इस प्रकार, उन्होंने कहा, मुस्लिम समुदाय में गुस्सा और इंडिया ब्लॉक में बेचैनी स्वाभाविक थी। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक्स पर सवाल उठाया कि क्या विपक्ष के नेता के लिए लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर लंबी चर्चा के दौरान कुछ नहीं बोलना, यानी विपक्ष के आरोप के बावजूद चुप रहना सही है कि यह सीएए की तरह संविधान के उल्लंघन का मामला है ? यह स्वाभाविक है कि मुस्लिम समुदाय में गुस्सा और उनके भारत गठबंधन में इसे लेकर बेचैनी है।
मायावती ने बहुजनों को वंचित रखने का लगाया आरोप
मायावती ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस की भी आलोचना की और उन पर बहुजनों को वंचित रखने में समान रूप से दोषी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों को उनके छल से बचने की जरूरत है। मायावती ने कहा कि वैसे भी, कांग्रेस, बीजेपी जैसी पार्टियां सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के अपने अधिकार को अप्रभावी और निष्क्रिय बनाकर बहुजनों को वंचित रखने के मामले में समान रूप से दोषी हैं। धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी उनके छल से बचने की जरूरत है। बीजेपी के खिलाफ अपने हमले को तेज करते हुए मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुजन परेशान हैं जबकि बीजेपी कानून को अपने हाथ में लेने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने सरकारी विभागों के बढ़ते निजीकरण पर भी प्रकाश डाला और सुझाव दिया कि सरकार को जन कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इनके इसी रवैये के कारण उत्तर प्रदेश में बहुजनों की स्थिति बहुत खराब और हर मामले में त्रस्त है, जबकि भाजपा के लोग कानून को अपने हाथ में लेने के लिए खुलेआम खुलेआम घूम रहे हैं। साथ ही बिजली और अन्य सरकारी विभागों में बढ़ते निजीकरण के कारण भी स्थिति चिंताजनक है। सरकार को जनकल्याण की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को ठीक से निभाना चाहिए।
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शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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