संसद पर भी वक्फ बोर्ड ने ठोका था दावा, ऐसे दावों की वजह से ही बिल ला रहे हैं, लोकसभा में किरेन रिजिजू ने बताई एक-एक बात
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि एक बार बिल को जान तो लो, बिल का विरोध करने वालों का दिल बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि वक्फ बिल कोई नया विषय नहीं है, मुझे उम्मीद है कि सभी इस बिल का समर्थन करेंगे।

किरेन रिजिजू
Kiren Rijiju on Waqf Board: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आज वक्फ संशोधन विधेयक-2025 लोकसभा में पेश कर दिया। इस दौरान रिजिजू ने विस्तार से वक्फ बिल के प्रावधानों के बारे में बताया। साथ ही बताया कि किन वजहों से सरकार को ये बिल लाने पर मजबूर होना पड़ा। रिजिजू ने कहा कि बिल पर सभी के सवालों का जवाब दूंगा। एक बार बिल को जान तो लो, बिल का विरोध करने वालों का दिल बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि वक्फ बिल कोई नया विषय नहीं है, मुझे उम्मीद है कि सभी इस बिल का समर्थन करेंगे।
लोगों को बहकाया जा रहा है
रिजिजू ने कहा कि हमें क्यों चुनौती दी जा रही है जब हम सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं? जो लोग विधेयक में सीधे तौर पर शामिल नहीं हैं, उन्हें गुमराह और उकसाया जा रहा है। कुछ लोग बिना वजह इस बिल का विरोध कर रहे हैं। जो लोग इस बिल को ठीक से नहीं समझते, वे भी दूसरों के बहकावे में आ रहे हैं।
ये बिल कोई नया विषय नहीं है
किरेन रिजिजू ने कहा, कई लोगों ने अपने अपने तरीके से बातें रखीं, किसी ने कहा ये बिल गैरकानूनी है। ये बिल कोई नया विषय नहीं है। आजादी से पहले से इसका इतिहास शुरू होता है। अगर आप सच्चे दिल से सोचते तो आप इसपर विचार करते। जो कुछ लेना देना नहीं है इस बिल में उसको लेकर लोगों को गुमराह करने का काम किया है।
वक्फ ने संसद पर भी दावा ठोका था
संसदीय कार्यमंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने संसद पर भी अपना दावा ठोका था। ऐसे दावों को देखते हुए इस कानून में संशोधन करने की जरूरत पड़ी। उन्होंने विधेयक को लेकर विपक्षी दलों द्वारा जताई जा रही चिंताओं को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि सरकार किसी भी धार्मिक संस्था में हस्तक्षेप नहीं करने जा रही।
यूपीए सरकार ने वक्फ कानून को अन्य कानूनों से ऊपर किया
यूपीए सरकार ने वक्फ कानून में बदलावों के जरिए इसे अन्य कानूनों से ऊपर कर दिया था, इसलिए इसमें नये संशोधनों की आवश्यकता पड़ी। मंत्री ने कहा कि इस संसद भवन पर भी वक्फ का दावा किया जा रहा था और पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने तो काफी संपत्ति गैर-अधिसूचित करके दिल्ली वक्फ बोर्ड को दे दी थी।
उन्होंने कहा, पिछले साल विधेयक पेश करते समय सरकार ने इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था। समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद, उसकी सिफारिश के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल विधेयक में कुछ बदलावों को मंजूरी दी थी।
आदिवासियों की जमीन पर दावा नहीं
रिजिजू ने कहा कि आदिवासियों की जमीन पर वक्फ दावा नहीं कर पाएगा। महिलाओं-बच्चों के अधिकार नहीं छीने जा सकते।
यूपीए सरकार ने 123 संपत्तियों को वक्फ बोर्ड को सौंपा
किरेन रिजिजू ने कहा, दिल्ली में 1970 से चल रहा एक मामला CGO कॉम्प्लेक्स और संसद भवन समेत कई संपत्तियों से जुड़ा है। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इन संपत्तियों को वक्फ संपत्ति बताया था। मामला कोर्ट में था, लेकिन उस समय यूपीए सरकार ने 123 संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करके वक्फ बोर्ड को सौंप दिया था। अगर हमने आज यह संशोधन पेश नहीं किया होता, तो हम जिस संसद भवन में बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। अगर पीएम मोदी सरकार सत्ता में नहीं आती, तो कई संपत्तियां गैर-अधिसूचित हो चुकी होतीं।
किसी को भी वक्फ प्रॉपर्टी घोषित करने वाला सेक्शन 40 हटाया
सेक्शन 40 में आप किसी को भी वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर देते थे, हमने उसे हटा दिया। इसका सबसे जयादा दुरुपयोग किया है। सेक्शन 40 हमने हटाया है। ये किसी भी जमीन को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित या क्लेम कर सकते थे। हमारी जानबूझकर हड़पने की योजना नहीं है। जहां नमाज पढ़ी जाती है वहां कोई दखल नहीं होगा। रजिस्टर्ड संपत्ति में कोई दखल नहीं। लिमिटेशन एक्ट 1963 (Limitation Act, 1963) अब वक्फ बोर्ड पर लागू होगा।
वक्फ ट्रिब्यूनल में तीन सदस्य होंगे
रिजिजू ने कहा, वक्फ ट्रिब्यूनल में तीन सदस्य होंगे। वक्फ बोर्ड में 10 मुस्लिम सदस्य होंगे, जिनमें 2 महिला मेंबर जरूरी हैं। इसमें अधिकतम चार गैर-मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं, और उनमें से दो महिला सदस्य अनिवार्य हैं। वक्फ बोर्ड में दो रिटायर्ड जज भी होंगे। वक्फ बोर्ड में शिया, सुन्नी दोनों रहेंगे। वक्फ बोर्ड में बोहरा और आगाखानी भी रहेंगे। इस बिल का ट्रांसफॉर्मेशनल इम्पैक्ट क्या होगा आप सोच नहीं सकते हैं। बदलाव के अच्छे नतीजे आएंगे होंगे।
वक्फ ट्रिब्यूनल के खिलाफ कोर्ट जा सकेंगे
अगर आप वक्फ बोर्ड के निर्णय से खुश नहीं है, वक्फ ट्रिब्यूनल के निर्णय से खुश नहीं है, तो अदालत जा सकते हैं। राज्य सरकार को हम फुल अथॉरिटी देंगे। राज्य सरकारों को अधिकार दिया गया है। जो प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड है उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। जो विवादित है उसको हम लोग कैसे ले सकते हैं।
वक्फ के पास तीसरा सबसे बड़ा लैंड बैंक
विधेयक पर चर्चा के दौरान किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ के पास तीसरा सबसे बड़ा लैंड बैंक है। रेलवे, मिलिट्री की जमीन हैं। ये सब देश की प्रॉपर्टी है। वक्फ की संपत्ति, प्राइवेट प्रॉपर्टी है। दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी हमारे देश में है। 60 साल आप सरकार में रहे, फिर भी मुसलमान इतना गरीब क्यों है? उनके लिए क्यों काम नहीं हुआ? गरीबों के उत्थान, उनकी भलाई के लिए काम क्यों नहीं हुए? हमारी सरकार गरीब मुसलमानों के लिए काम कर रही है तो इसमें क्या आपत्ति है? आप लोग जो इस बिल का विरोध कर रहे हैं, देश सदियों तक याद रखेगा कि किसने बिल का समर्थन किया और किसने विरोध किया। आप लोग मुसलमानों को कितना गुमराह करेंगे?"
इतनी वक्फ प्रॉपर्टी को बेकार में पड़ा नहीं रहने देंगे
उन्होंने कहा कि देश में इतनी वक्फ प्रॉपर्टी है तो इसे बेकार में पड़ा नहीं रहने देंगे। गरीब और बाकी मुसलमानों के लिए इसका इस्तेमाल किया ही जाना चाहिए। हमने रिकॉर्ड देखा है। सच्चर कमेटी ने भी इसका डिटेल में जिक्र किया है। 2006 में 4.9 लाख वक्फ प्रॉपर्टी थी। इनकी टोटल इनकम 163 करोड़ थी। 2013 में बदलाव करने के बाद इनकम बढ़कर 166 करोड़ हुई। 10 साल के बाद भी 3 करोड़ बढ़ी थी। हम इसे मंजूर नहीं कर सकते।
देश में 8.72 लाख वक्फ प्रॉपर्टी
उन्होंने लोकसभा में बताया कि 8.72 लाख वक्फ प्रॉपर्टी इस वक्त देश में हैं। इसका अगर हम सही से इस्तेमाल करें तो मुसलमान ही नहीं, देश की तकदीर बदल जाएगी। मैं जम्मू-कश्मीर गया था, वक्फ बोर्ड चेयरपर्सन एक महिला बनीं। उन्होंने कहा कि पहले इनकम की व्यवस्था, उसके रिकॉर्ड की कोई व्यवस्था नहीं थी। उनके आने के बाद 40 करोड़ इनकम हुई। हजरतबल दरगाह में मरम्मत और नवीनीकरण का काम भी चल रहा है। बिल में कई संशोधन प्रस्तावित हुए, उन्हें हमने बिल में शामिल किया। संसदीय समिति के बीच कई मुद्दे होते हैं। सुझाव छोटा भी हो तो हमने शामिल किया है। ये सारी व्यवस्था देखने के बाद सबके मन में उम्मीद जागेगी। नया सवेरा आने वाला है। ये उम्मीद इसलिए है कि यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट रजिस्ट्रेशन से लेकर सर्वे और कलेक्टर के रोल तक मिलाकर मैनेजमेंट का सिस्टम बदलने का काम किया है। सशक्तीकरण कैसे आएगा। मुसलमानों में भी शिया, सुन्नी, बोहरा और पसमांदा के अलावा महिलाओं और बच्चों के लिए हमारे प्रावधानों का पूरी कम्युनिटी स्वागत कर रही है। वक्फ विधेयक किसी भी तरह से किसी भी धार्मिक व्यवस्था, किसी भी धार्मिक संस्था या किसी भी धार्मिक प्रथा में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है।
मुस्लिम डेलिगेशन मेरे घर आ रहे हैं
उन्होंने कहा, पहले किसी भी जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित किया जा सकता था, लेकिन हमने उस प्रावधान को हटा दिया है। अब, गरीबों के लाभ के लिए किसी भी जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता है। कुछ व्यक्ति, कुछ लोग, अपने निजी लाभ के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे थे। मुस्लिम डेलिगेशन मेरे घर आ रहे हैं, इस बिल का स्वागत कर रहे हैं। गरीब मुसलमान तो बार-बार कह रहे हैं कि इस बिल को जल्दी पास कीजिए। सेंट्रलाइज डेटा बेस होगा, वेबसाइट होगी। ट्रैकिंग होगी, काम वक्त पर होगा, करेक्शन करेंगे, ऑडिट भी होगा। ये हमने राज्य सरकार पर छोड़ा है। जमीन राज्य का विषय है। राज्य सरकारों को पूरी अथॉरिटी मिलेगी। मंत्रालय हमेशा ऑनलाइन जुड़े रहेंगे।"
राज्य सरकारें ही निगरानी करेंगी
रिजिजू ने आगे कहा, राज्य सरकारें ही पूरी तरह से इसकी निगरानी का काम करेंगी। वक्फ धार्मिक, चैरिटेबल मकसद के लिए बनाया जाता है। इसे देखेंगे। इनकम हो रही है कि नहीं, यह भी देखेंगे। जो रिफॉर्म हम लाए हैं, जो बदलाव हमने आपको संक्षिप्त में बताए हैं। अगर आपको लगता है कि हमें इनकम जनरेशन करने के लिए क्या करना चाहिए तो आपके सुझावों का पूरे दिल से स्वागत करेंगे। दरगाहों, मस्जिदों के इमामों ने सुझाव दिए हैं। हमने उन्हें रिकॉर्ड में रखा है।"
पीएम मोदी का जताया आभार
उन्होंने पीएम मोदी का आभार जताते हुए कहा, मैं खुद को बहुत सौभाग्यशाली मानता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री ने मुझ जैसे साधारण सदस्य को ऐसा महान विधेयक पेश करने का अवसर दिया है। इस प्रयास के लिए लाखों गरीब मुसलमान मुझे दुआएं देंगे। लेकिन, ये दुआएं मैं अकेला क्यों लूं? आपको भी मिलनी चाहिए। इस विधेयक का समर्थन करें, यही मेरी आप सभी से विनम्र प्रार्थना है।
शाह बोले, कमेटी ने विपक्ष के सुझावों को माना
वहीं, वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कमिटी ने विपक्ष के सुझावों को माना और उसको अब सदन में ले कर किरेन रिजिजू लेकर आए। कांग्रेस के जमाने में कमेटी सिर्फ ठप्पा लगाती थी। हमारी कमेटी विचार और परिवर्तन करती है और उसके बाद बिल लेकर आती है।
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