वायनाड त्रासदी: हर तरफ तबाही का मंजर, मलबे में अब भी दबी कई जिंदगियां, डॉग स्क्वॉड के जरिए तलाश

सरकारी आंकड़ों के अनुसार भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या 210 हो गई है जबकि 273 लोग घायल हुए हैं। केरल स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इसके अतिरिक्त 134 मानव अंग भी बरामद किए गए हैं।

वायनाड में तबाही

Wayanad Landslide Tragedy: केरल में आई सबसे भीषण प्राकृतिक आपदाओं में से एक वायनाड में भूस्खलन के बाद हर तरफ तबाही का मंजर है। मलबे में अब भी कई लोग दबे हैं और इन्हें युद्धस्तर पर खोजा जा रहा है। कई लोगों को बचाया भी गया है। मलबे में दबे शवों या संभावित जिंदा लोगों को निकालने के लिए बचाव दलों ने शुक्रवार को उन्नत तकनीकी उपकरणों और डॉग स्क्वॉड का इस्तेमाल किया। वायनाड भूस्खलन हादसे के बाद व्यवसायी, मशहूर हस्तियां और संस्थाएं मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में लाखों-करोड़ों रुपये दान देने में जुटी हैं। इस बीच, पीड़ितों की मदद के लिए चाय की दुकान चलाने वाली एक बुजुर्ग महिला भी आगे आई है।

चाय बनाने वाली महिला ने 10 हजार रुपये दान किए

कोल्लम जिले के पल्लीथोट्टम निवासी सुबैदा अपना और अपने पति का पेट पालने के लिए एक छोटी सी चाय की दुकान चलाती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) को 10 हजार रुपये दान किए हैं। सेना द्वारा 190 फुट लंबे बेली ब्रिज का निर्माण पूरा होने के बाद खोज अभियान में तेजी आने के बीच बचाव दलों ने शुक्रवार को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के मोबाइल फोन से प्राप्त अंतिम लोकेशन समेत जीपीएस निर्देशांकों और ड्रोन चित्रों का इस्तेमाल करके मलबे में फंसे लोगों की तलाश की। वायनाड के भूस्खलन प्रभावित गांव में उन्नत रडार प्रणाली के साथ खोज अभियान चला रहे बचावकर्मियों को संभवतः किसी मानव या पशु द्वारा सांस लेने का संकेत मिला है।

मलबे में दबे हैं लोग

अभियान में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि बुरी तरह प्रभावित मुंडक्कई गांव में एक घर की तलाशी के दौरान रडार पर नीला सिग्नल मिला। अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि किसी के लगातार सांस लेने का संकेत मिल रहा है। हालांकि, शुक्रवार शाम को खोज अभियान समाप्त हो गया क्योंकि बचावकर्मियों ने निष्कर्ष निकाला कि मलबे के नीचे किसी व्यक्ति की मौजूदगी की संभावना नहीं है। देर शाम फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि लोगों की तलाश जारी है, रडार पर छोटी-सी हलचल का पता चला है, जिससे उम्मीद की किरणें दिख रही हैं।

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