ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने कह दी बड़ी बात, कहा- अतिक्रमण करने वालों का नहीं करेंगे बचाव

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि उसके आदेश से किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अतिक्रमण करने वालों को मदद न मिले।

सुप्रीम कोर्ट

मुख्य बातें
  • संपत्तियों के ध्वस्तीकरण के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई
  • अदालत ने कहा- हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं, सभी नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश तय करेंगे
  • सार्वजनिक सड़कों, सरकारी भूमि पर किसी भी अनधिकृत निर्माण की बचाव नहीं करेंगे

Demolition of properties: संपत्तियों के ध्वस्तीकरण के खिलाफ याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह संपत्तियों को गिराने के मुद्दे पर सभी नागरिकों के लिए दिशानिर्देश तय करेगा। अदालत ने उन याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया जिनमें आरोप लगाया गया है कि अपराध के आरोपियों की संपत्तियों को ध्वस्त किया जा रहा है। कई राज्यों में इन्हें ध्वस्त कर दिया गया है। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि वह यह स्पष्ट करेगी कि केवल इसलिए कि कोई व्यक्ति आरोपी या दोषी है, यह संपत्ति के विध्वंस का आधार नहीं हो सकता है।
इस दौरान अदालत ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं, सभी नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश तय करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सार्वजनिक सड़कों, सरकारी भूमि पर किसी भी अनधिकृत निर्माण की बचाव नहीं करेगा। साथ ही कहा कि हम यह स्पष्ट करने जा रहे हैं कि केवल इसलिए कि कोई आरोपी या दोषी है, यह ध्वस्त करने का आधार नहीं हो सकता।

अतिक्रमण करने वालों को मदद न मिलेगी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जो भी निर्देश जारी करेगा वह पूरे भारत में लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि उसके आदेश से किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अतिक्रमण करने वालों को मदद न मिले। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं। हम इसे सभी नागरिकों के लिए, सभी संस्थानों के लिए बना रहे हैं, किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं। यह देखते हुए कि किसी विशेष धर्म के लिए अलग कानून नहीं हो सकता, पीठ ने कहा कि वह सार्वजनिक सड़कों, सरकारी भूमि या जंगलों पर किसी भी अनधिकृत निर्माण की बचाव नहीं करेगी।
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