हम आपस में लड़ रहे हैं, ऐसा करेंगे तो कैसे होगा, इस्लाम और जातिवाद को लेकर मोहन भागवत ने कही बड़ी बात
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश की सीमाओं पर दुश्मनों को अपनी ताकत दिखाने के बजाय हम आपस में लड़ रहे हैं। ऐसा करेंगे तो कैसे होगा। साथ ही उन्होंने कहा बाहरी लोग चले गए, लेकिन इस्लाम धर्म सदियों से यहां सुरक्षित है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में आरएसएस संघ शिक्षा वर्ग (आरएसएस कैडर के लिए प्रशिक्षण शिविर) के विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में इस्लाम का आक्रमण हुआ, स्पेन से मंगोलिया तक छा गया। धीरे-धीरे वहां के लोग जागे, उन्होंने आक्रमणकारियों को परस्त किया। तो अपने कार्य क्षेत्र में इस्लाम सिकुड़ गया। सबने सब बदल दिया। अब विदेशी तो यहां से चले गए लेकिन इस्लाम की पूजा कहां सुरक्षित चलती है, यहीं सुरक्षित चलती है। कितने शतक हुए यह सह जीवन चल रहा है। इसको न पहचानते हुए आपस के भेदों को ही बरकरार रखने वाली नीति चलाना, ऐसा करेंगे तो कैसे होगा। भागवत ने आगे कहा कि जैसे गर्मी में वर्षा कि बौछारे सुखद लगती है वैसे ही स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद इस प्रकार कि सुखद भावनाओं का अनुभव हम जैसे कर रहे है, वैसे चिंतित करने वाला दृश्य भी हमें परिस्थिति मे मिल रहा है। इसी समय देश में कितने जगह कितने प्रकार के कलह मचे है, भाषा, पंथ, संप्रदायों, मिलने वाली सहुलियतों के लिये विवाद और केवल विवाद ही नहीं बल्कि इसका इस हद तक बढ़ना कि हम आपस में ही हिंसा करने लगे। अपने देश कि सीमाओं पर अपनी स्वतंत्रता पर बुरी नजर रखने वाले शत्रू बैठे हैं उनको हम हमारा बल नहीं दिखा रहे, हम आपस में ही लड रहे हैं।
दुश्मनों के बजाए हम आपस में लड़ रहे हैं
मोहन भागवत ने कहा कि देश की सीमाओं पर दुश्मनों को अपनी ताकत दिखाने के बजाय हम आपस में लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की एकता और अखंडता के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को प्रयास करना चाहिए। भागवत ने कहा कि भारत ने वैश्विक आर्थिक संकट और कोविड-19 महामारी के दौरान सभी देशों में से सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि भारत को इस साल जी-20 की अध्यक्षता मिली और इस गौरव को महसूस किया जा सकता है।
समाज में धर्म और पंथ से जुड़े कई विवाद हैं
उन्होंने कहा कि हमारे समाज में धर्म और पंथ से जुड़े कई विवाद हैं। उन्होंने कहा कि हम सीमा पर बैठे दुश्मनों को अपनी ताकत नहीं दिखा रहे हैं बल्कि हम आपस में लड़ रहे हैं। हम भूल रहे हैं कि हमारा देश एक है। भागवत ने कहा कि भारत की एकता और अखंडता के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। अगर कमियां हैं तो हमें उन पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ धर्म भारत के बाहर से आए थे और हमारा उनके साथ युद्ध हुआ था। उन्होंने कहा कि लेकिन बाहरी चले गए। अब हर कोई देश का है। फिर भी यहां कुछ लोग बाहरी लोगों के प्रभाव में हैं और वे हमारे लोग हैं। इसे समझना होगा। अगर उनकी सोच में कोई कमी है तो उन्हें बदलना हमारी जिम्मेदारी है।
भारत में पहले नहीं था कोई जातिगत भेदभाव
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि बाहरी लोग चले गए, लेकिन इस्लाम धर्म सदियों से यहां सुरक्षित है। भागवत ने कहा कि कुछ लोग इस धारणा का समर्थन करते हैं कि भारत में पहले कोई जातिगत भेदभाव नहीं था। उन्होंने कहा कि उन्हें स्वीकार करना होगा कि हमारे देश में जाति व्यवस्था के आधार पर अन्याय हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे पास अपने पूर्वजों का गौरव है, लेकिन हमें उनकी गलतियों का कर्ज भी चुकाना पड़ेगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited