हम भारत से अलग नहीं, तिब्बत संवाद में चीन को पेन्पा सेरिंग ने कह दी चुभने वाली बात

भारत में तिब्बत की निर्वासित सरकार का कहना है कि हम भारत से अलग नहीं हैं। कई मायनों में हमारी पहचान भारत के साथ ही जुड़ी हुई है।

penpa tsering

पेन्पा सेरिंग, सिक्योंग, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन

तिब्बत के मुद्दे पर चीन(China) हमेशा भारत को चेताता रहता है। तिब्बत के दक्षिणी हिस्से को चीन ग्रेटर तिब्बत का विस्तार मानता है। लेकिन भारत में तिब्बत की निर्वासित सरकार चीन के दावे को खारिज करती है। भारत भी स्पष्ट रुप से तिब्बत पर चीन के दावे को खारिज करता है। इन सबके बीच तिब्बत संवाद(Tibet Dialogue) केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सिक्योंग पेन्पा त्सेरिंग ने कहा कि हम भारत से अलग नहीं हैं। हम बहुत हद तक एक जैसे हैं, भले ही हमारे देश सीमाओं से विभाजित हैं। हम एक ही भाषा और एक ही धर्म को साझा करते हैं जो हमारे जीवन के तरीके और हमारी संस्कृति को आकार देता है।हम इस अर्थ में भिन्न दिख सकते हैं कि हम तिब्बती हैं, लेकिन हमारा मन, हमारा धर्म और हमारी भाषा भारत से आई है। हम प्राचीन भारतीय ज्ञान के भंडार हैं।

तिब्बत पर निर्णायक राय जरूरी

केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश में पेन्पा सेरिंग ने कहा कि भले ही हम भारत में रहते हैं, लेकिन कई भारतीय ऐसे हैं जो तिब्बत या तिब्बत के अंदर की स्थिति के बारे में नहीं जानते हैं। तिब्बती जिन मौजूदा चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उन्हें समझने के लिए यह सम्मेलन बहुत महत्वपूर्ण है। तिब्बत को किस तरह चीन ने अपने चंगुल में फंसा रखा है, उसे समझने की जरूरत है। वैश्विक स्तर पर हम अपनी बात रखते हैं। लेकिन जिस तरग का अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलना चाहिए वो और अधिक होनी चाहिए। ऐतिहासिक तौर पर अगर देखा जाए तो भारत की तरफ से हमेशा मदद मिली है।

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ललित राय author

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