IEC 2023: रक्षा उत्पादन एक लाख करोड़ के पार,टैक्स रिफॉर्म के साथ GST भी किया लागू-राजनाथ सिंह

India Economic Conclave 2023: इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में राजनाथ ने कहा कि चाहे डायरेक्ट टैक्स रिफॉर्म की बात हो या फिर GST की, हमने देश की इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए एक टैक्स पेयर फ्रेंडली रिजीम लाने का पूरा प्रयास किया है।

Rajnath Singh at IEC 2023

Rajnath Singh at IEC 2023

India Economic Conclave 2023: टाइम्स नेटवर्क की ओर से आयोजित इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव (IEC 2023) में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले 9 वर्षों में भारत में हुए टैक्स सुधारों पर खास जोर दिया। राजनाथ ने कहा कि 2014 में मोदी जी के नेतृत्व के हमारी सरकार बनी, तब से हमारा लक्ष्य रहा कि देश आर्थिक राह पर आगे बढ़े। बात चाहे डायरेक्ट टैक्स सुधार की हो या जीएसटी की, हमने सरल टैक्स नीति बनाने की कोशिश की है। इनकम टैक्स हो या जीएसटी, इनमें जितना सुधार हुआ है, आज तक नहीं हुआ था।

टैक्स पेयर फ्रेंडली रिजीम लाने का प्रयास

इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में राजनाथ ने कहा कि बात चाहे डायरेक्ट टैक्स रिफॉर्म (Direct tax reforms) की हो या फिर GST की, हमने देश की इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic growth) के लिए एक टैक्स पेयर फ्रेंडली रिजीम लाने का पूरा प्रयास किया है। हमारे ये प्रयास रंग भी ला रहे हैं। बीते वित्तीय वर्ष में आपने देखा होगा कि इनकम टैक्स (Income tax) हो या फिर GST, इनका जितना कलेक्शन हुआ है उसके बारे में कभी सोचा भी नहीं गया था।

मिनिमम गर्वनमेंट, मैक्सिमम गर्वंनेंस

राजनाथ ने कहा, हमने नई शिक्षा नीति के माध्यम से लर्निंग और स्किलिंग को मल्टीडाइमेशनल तरीके से आगे बढ़ाया है। हमने शुरुआत से ही बच्चों को उनकी स्किल डेवलपमेंट के साथ-साथ उन्हें नैतिक रूप से भी सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करना शुरू किया है। हमारी सरकार ने मिनिमम गर्वनमेंट, मैक्सिमम गर्वंनेंस (Minimum government, maximum governance) के सिद्धांत को फॉलो करते हुए 2 हजार से अधिक पुराने कानूनों को समाप्त करने का काम किया। इस प्रक्रिया के माध्यम से हम लाल फीताशाही को कम करते हुए इंस्पेक्टर राज के खात्मे की ओर बढ़ रहे हैं।

मेक इन इंडिया से सेना को किया मजबूत

टाइम्स नेटवर्क के इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में राजनाथ ने कहा, जब हम सरकार में आए, तो हमने देखा कि देश में कानूनों का एक बहुत बड़ा जाल बिछा हुआ था। और यह जाल इतना बड़ा था कि उसमें फंस कर न तो इस देश में बहुत ज्यादा इनोवेशन हो पाते थे, और न ही देश में इनवेस्टर फ्रेंडली वातावरण बन सका था। हमने मेक इन इंडिया (make in India) और डिफेंस कॉरिडोर (Defence corridors) जैसे कदमों के माध्यम यह सुनिश्चित किया कि हम भारतीय सेनाओं के लिए अत्याधुनिक हथियार भारत में ही निर्मित करें, और यदि संभव हो तो हम उसे निर्यात भी करें।

रक्षा उत्पादन 1 लाख करोड़ के पार

उन्होंने कहा, आज हमारा डोमेस्टिक डिफेंस प्रोडक्शन का आंकड़ा भी 1 लाख करोड़ रुपये पार कर चुका है। अगर मैं निर्यात की बात करूं, तो आज से 7-8 साल पहले रक्षा उपकरण का निर्यात जहां एक हजार करोड़ रुपये भी नहीं हुआ करता था, वह आज लगभग 16 हजार करोड़ रुपये हो गया है। हम देश के लगभग सभी सेक्टर्स पर फोकस करते हुए 2047 तक विकसित भारत की इमारत खड़ी करने का कार्य कर रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि गतिशक्ति के तहत हम देश की सड़कें और रेलवे को सी-पोर्ट से जोड़ रहे हैं। सिर्फ परिवहन को ही नहीं बल्कि संचार को भी महत्व देते हुए हम पूरे देश के हर पंचायत को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का संकल्प लेकर चल रहे हैं। जल्द ही हम इस लक्ष्य को भी प्राप्त कर लेंगे।
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