IEC 2023: भूपेंद्र यादव बोले- आज के दौर में प्राचीन प्रतीकों का इस्तेमाल करना गलत नहीं, कांग्रेस करती है हर काम का विरोध

इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि जो हमारे प्राचीन, पुरातन सिंबल हैं, वो इसलिए नहीं है कि हम उन्हें धार्मिक मानें। वे हमें सही रास्ते पर जाने का मार्ग दिखाते हैं।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव

India Economic Conclave: इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भी पहुंचे और आधुनिक विकास एवं प्राचीन परंपराओं के बीच संतुलन को लेकर सरकार के नजरिया को सामने रखा। भूपेंद्र यादव ने कहा कि जो हमारे प्राचीन, पुरातन सिंबल हैं, वो इसलिए नहीं है कि हम उन्हें धार्मिक मानें। वे हमें सही रास्ते पर जाने का मार्ग दिखाते हैं। न्यायपूर्ण शासन का प्रतीक दिखाने का प्रयास करते हैं। किसी भी शासक का यही कर्तव्य भी है।

तर्क के साथ विषय समझें

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा विभिन्न विश्वासों को जगह देने का आधार रहा है। तर्क के साथ विषय समझने का आधार होना चाहिए, हमें वैल्यू को विज्ञान के टेंपरामेंट के साथ जोड़ना चाहिए। इस सवाल पर कि अगर पुरानी चीजों को आगे बढ़ाते रहेंगे तो थर्ड सुपरपावर कैसे बनेंगे, इस पर उन्होंने जवाब दिया- आप योग को क्या कहेंगे, आप बता दें कि योग गलत हैं, मैं परंपरा को गलत मान लूंगा। उनके इस बयान पर जमकर तालियां बजीं। भूपेंद्र यादव ने पूछा, आप नीतिशास्त्र को क्या कहेंगे, हमारा लॉजिकल दर्शन है। क्या हमने अशोक चक्र को झंडे में नहीं अपनाया, क्या सुप्रीम कोर्ट के जज जहां बैठते हैं, वहां महाभारत का वाक्य नहीं लिखा हुआ है। क्या आपने गांधी के हिंदू स्वराज्य को नहीं पढ़ा। जिन्होंने नहीं पढ़ा वे हर चीज का विरोध करते हैं।

कांग्रेस ने हर उपलब्धि का बहिष्कार किया

नई संसद के बहिष्कार पर उन्होंने कहा कि ये हमारा कार्यक्रम नहीं था, देश की संसद का उद्घाटन था, तो विपक्ष ने इसका बहिष्कार क्यों किया। संसद को शक्ति संविधान से मिलती है, और जो संविधान का बहिष्कार करे, आपको उनकी बुद्धि पर तरस आना चाहिए। मैं तो कहता हूं कि ईश्वर उन्हें बुद्धि दें। इस तरह के काम तो नहीं करने चाहिए। कांग्रेस ने जीएसटी का बहिष्कार किया, कोविड वैक्सीनेशन का बहिष्कार किया, जनधन खातों का बहिष्कार किया। कांग्रेस समर्थन किसका कर रही है। गांधी परिवार को सत्ता पर बिठा दो, बाकी सबका बहिष्कार करो। ऐसे कैसे देश चलेगा। देश एक परिवार का नहीं होता, सबका होता है।
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