दुष्कर्म पर केंद्र बनाए सख्त कानून, 50 दिनों के भीतर हो ट्रायल और सजा, कोलकाता कांड पर टूटी अभिषेक बनर्जी की चुप्पी
कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर कांड को लेकर ममता सरकार लगातार विपक्षियों और सिविल सोसाइटी के निशाने पर हैं। घटना के बाद से ही बरती गई लापरवाही को लेकर सरकार और पुलिस की आलोचना हो रही है।
अभिषेक बनर्जी
Abhishek Banerjee on Kolkata Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ जघन्य बलात्कार और हत्या को लेकर देशभर में उबाल के बीच अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने ऐसे मामलों में सख्त कानून बनाए जाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि सिर्फ खोखले वादों से कुछ नहीं होगी, बलात्कार के मामलों में सख्त कानून बनाने होंगे और राज्य सरकार को इसके लिए केंद्र पर दबाव बनाना होगा।
अभिषेक बोले, सख्त कानून के बिना न्याय नहीं मिलेगा
अभिषेक ने ट्वीट करते हुए कहा, पिछले 10 दिनों में देश आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है और न्याय की मांग कर रहा है। भारत के विभिन्न हिस्सों में 900 बलात्कार हुए हैं। अफसोस की बात है कि एक स्थायी समाधान अभी भी काफी हद तक चर्चा में नहीं है। हमें मजबूत कानूनों की जरूरत है जो 50 दिनों के भीतर आरोपी का ट्रायल हो और उसे कड़ी सजा मिले। सिर्फ खोखले वादों से कुछ नहीं होगा। इस मामले में राज्य सरकारों को कार्रवाई करनी चाहिए और व्यापक समाधान के लिए केंद्र पर दबाव डालना चाहिए सख्त बलात्कार विरोधी कानून पास किया जा सके जिसमें पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित हो सके। इससे कम कुछ भी सिर्फ प्रतीकात्मक और दुखद रूप से अप्रभावी होगा।
निशाने पर ममता सरकार और पुलिसबता दें कि कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर कांड को लेकर ममता सरकार लगातार विपक्षियों और सिविल सोसाइटी के निशाने पर हैं। घटना के बाद से ही बरती गई लापरवाही को लेकर उनकी सरकार की आलोचना हो रही है। इस मामले में पुलिस की ढिलाई पर भी सवाल उठे हैं और उसका रवैया असंवेदनशील नजर आया है। मामले में न सिर्फ पीड़िता के घरवालों को शुरुआत में गलत जानकारी दी गई, बल्कि एफआईआर दर्ज कराने में भी देरी हुई। ममता सरकार पर लगातार उठते सवालों के बीच अब उनके भतीजे व टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी का लंबा बयान आया है। इससे पहले अभिषेक भी इस मामले पर खुलकर नहीं बोल रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई
सीबीआई ने आज सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ जघन्य बलात्कार और हत्या की जांच पर स्टेटस रिपोर्ट पेश की है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार (20 अगस्त) को मामले की सुनवाई की थी। इसने सीबीआई और बंगाल सरकार से बलात्कार-हत्या और आरजी कर अस्पताल में बर्बरता की जांच पर स्थिति रिपोर्ट मांगी थी।
डॉक्टरों का विरोध-प्रदर्शन जारी
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के साथ दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना के खिलाफ जारी जूनियर डॉक्टर के आंदोलन के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को शहर और उसके बाहर सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं, इसके चलते पश्चिम बंगाल में जन स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह प्रभावित रही।
ईडी भी कर सकती है घोष के खिलाफ जांच
उधर इस मामले में कोई नई गिरफ्तारी नहीं हुई, लेकिन सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ जारी रखी। इस बीच, अस्पताल के एक पूर्व प्रशासक ने हाई कोर्ट का रुख किया और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य के खिलाफ कथित वित्तीय अनियमितताओं की प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराने का अनुरोध किया। राज्य के मेडिकल कॉलेजों के वरिष्ठ चिकित्सक, नर्स और भविष्य में चिकित्सक बनने वालों ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय ‘स्वास्थ्य भवन’ तक मार्च निकाला और परिसर को घेर लिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों ने विभाग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और दोपहर को ज्ञापन सौंपा।
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