SCO Meeting: आतंकवाद से मिलकर लड़ने पर राजनाथ का जोर, चीनी रक्षा मंत्री बोले-मतभेदों से ज्यादा भारत के साथ साझा हित
SCO Meeting: इस बैठक में शामिल होने के लिए चीन के रक्षा मंत्री ली शांग्फु दिल्ली पहुंचे हैं। गलवान घाटी की घटना के बाद चीन के किसी बड़े मंत्री का यह पहली भारत यात्रा है। एससीओ बैठक से इतर शांग्फु की रक्षा मंत्री राजनाथ के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक में चीन के रक्षा मंत्री ने कहा कि एक बड़े पड़ोसी देश एवं विकासशील देश के रूप में भारत और चीन मतभेदों से ज्यादा आपसी हितों को साझा करते हैं।
दिल्ली में आयोजित एससीओ बैठक में राजनाथ सिंह।
SCO Meeting: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवादियों के हमले के नए तरीकों 'सोशल मीडिया एवं क्राउडफंडिंग' से एकजुट होकर लड़ने की जरूरत पर जोर दिया। नई दिल्ली में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में सिंह ने यह बयान दिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि 'हमें आतंकवाद से मिलकर लड़ना चाहिए। एससीओ को अगर ताकतवर संगठन के रूप में उभरना है तो हमें मिलकर लड़ना होगा। आतंकवादी संगठन सोशल मीडिया एवं क्राउडफंडिग जैसे नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।'
एससीओ को ज्यादा ताकतवर संगठन बनाने की जरूरत-राजनाथ
राजनाथ सिंह ने जोर दिया कि भारत एससीओ को ज्यादा ताकतवर संगठन बनाने के लिए प्रतबिद्ध है। रक्षा मंत्री का यह बयान इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि क्योंकि प्रतिबंधित पाकिस्तानी संगठन जैश-ए-मोम्मद पेशावर में खुले तौर पर अपने खातों में फंड जुटाता आया है। सिंह ने आगे कहा, 'एक सुरक्षित, स्थिर और समृद्ध क्षेत्र के लिए हमें अपने एजेंडे पर फोकस होने की जरूरत है। इससे संगठन के सदस्य देशों के प्रत्येक नागरिक के जीवन की गुणवत्ता बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।'
एससीओ की स्थापना 2001 में हुई
बता दें कि एससीओ की स्थापना 2001 में हुई। पहले इस संगठन में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल थे। बाद में 2017 में भारत और पाकिस्तान इसके सदस्य बने। सिंह ने बैठक में कहा, ‘भारत सदस्य देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एससीओ को एक महत्वपूर्ण संगठन के रूप में देखता है। हम एक राष्ट्र के तौर पर एससीओ सदस्य देशों के बीच विश्वास और सहयोग की भावना को और मजबूत करना चाहते हैं।’
चीन के रक्षा मंत्री ली शांग्फु दिल्ली पहुंचे हैं
इस बैठक में शामिल होने के लिए चीन के रक्षा मंत्री ली शांग्फु दिल्ली पहुंचे हैं। गलवान घाटी की घटना के बाद चीन के किसी बड़े मंत्री का यह पहली भारत यात्रा है। एससीओ बैठक से इतर शांग्फु की रक्षा मंत्री राजनाथ के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक में चीन के रक्षा मंत्री ने कहा कि एक बड़े पड़ोसी देश एवं विकासशील देश के रूप में भारत और चीन मतभेदों से ज्यादा आपसी हितों को साझा करते हैं। दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक, दीर्घ एवं रणनीतिक नजरिए से देखना चाहिए। दोनों देश विश्व एवं क्षेत्रीय स्तर पर शांति एवं स्थिरता कायम करने के लिए संयुक्त रूप से अपने ज्ञान एवं ताकत का योगदान दे सकते हैं।
राजनाथ सिंह ने हाथ नहीं मिलाया
गुरुवार को चीन के साथ भारत के रिश्तों में तल्खी देखने को मिली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली में अपने चीनी समकक्ष से मिले तो दोनों ने एक दूसरे का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। राजनाथ सिंह ने एससीओ के अपने अन्य समकक्षों के साथ गर्मजोशी से हाथ मिलाया, लेकिन चीन के मंत्री ली शांगफू से हाथ मिलाने से किनारा कर लिया।
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