'हम भूखे रहे, हमें बंधक बना कर रखा, मोबाइल लूट लिए', सूडान से लौटे भारतीयों ने सुनाई आपबीती
Sudan Crisis : अपनी सरजमीं पर पहुंचने के बाद भारतीयों के चहरे खिल गए। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दिल्ली पहुंचने पर उन्होंने सूडान के हालात और हिंसा के दौरान उन्हें हुई तकलीफों एवं मुश्किलों को भी बयां किया। बातचीत में भारतीयों का दर्द छलक कर सामने आ गया। कुशीनगर के छोटू ने कहा कि वह दोबारा सूडान नहीं जाएंगे, यहीं पर काम करेंगे।
सूडान में फंसे नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी चला रही भारत सरकार।
Sudan Crisis : सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए सरकार 'ऑपरेशन कावेरी' चला रही है। सूडान में मौजूद करीब 3000 नागरिकों में से कुल 670 भारतीयों को निकाला जा चुका है। 128 भारतीय लोगों को लेकर वायु सेना का विमान सी-130 जे गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंचा। सूडान से भारतीयों को निकालकर उन्हें जेद्दा पहुंचाया जा रहा है। फिर यहां से उन्हें दिल्ली के लिए रवाना किया जा रहा है। भारतीय नागरिकों का पहला जत्था बुधवार सुबह दिल्ली पहुंचा। सूडान से अपने नागरिकों को बाहर निकालने में नौसेना भी लगी हुई है।
दिल्ली पहुंचने पर भारतीय के चेहरे खिले
अपनी सरजमीं पर पहुंचने के बाद भारतीयों के चहरे खिल गए। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दिल्ली पहुंचने पर उन्होंने सूडान के हालात और हिंसा के दौरान उन्हें हुई तकलीफों एवं मुश्किलों को भी बयां किया। बातचीत में भारतीयों का दर्द छलक कर सामने आ गया। सूडान से दिल्ली पहुंचे एक भारतीय नागरिक ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, 'सूडान में भीषण लड़ाई हो रही है। हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं था। हमारे पास दो से तीन दिनों तक खाने के लिए कुछ भी नहीं था।'
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हमारे साथ लूटपाट हुई-भारतीय
एक अन्य ने कहा, 'हमारी कंपनी के पास रैपिड सपोर्ट फोर्स का एक बेस था। एक सुबह नौ बजे के करीब इस फोर्स के लोग हमारी कंपनी में दाखिल हो गए। उन्होंने हमारे साथ लूटपाट की। उन्होंने हमें आठ घंटे तक बंधक बनाकर रखा। उन्होंने हमारे ऊपर बंदूकें तान दीं और हमारे पास जो कुछ भी था उसे लूट लिया। हमारे मोबाइल फोन चुरा लिए। इसके बाद हमने किसी तरह से दूतावास से संपर्क किया और अपने लिए बसों का इंतजाम करने के लिए कहा। हम किसी तरह से वहां से निकलने में कामयाब रहे। बाद में भारतीय नौसेना ने हमारी देखभाल करनी शुरू की।'
दोबारा सूडान नहीं जाऊंगा-छोटू
रिपोर्टों के मुताबिक भारत लौटे हरियाणा के सुखविंदर सिंह ने कहा कि 'लड़ाई छिड़ने के बाद हम एक बंद कमरे में रह रहे थे। ऐसा लग रहा था कि हम मृत्युशैय्या पर लेटे हुए हैं।' यूपी के कुशीनगर के रहने वाले छोटू का कहना है कि वह बेहद डर गए थे। वह दोबारा सूडान नहीं जाएंगे। छोटू ने कहा कि वह भारत में ही रहकर काम करेंगे, सूडान कभी नहीं जाएंगे।
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‘हम एक शव की तरह थे'
पंजाब के होशियारपुर के निवासी तसमेर सिंह (60) ने सूडान में चल रहे संघर्ष के दौरान अपने अनुभव को भयावह बताया। उन्होंने कहा, ‘हम एक शव की तरह थे, एक छोटे-से घर में बिना बिजली, बिना पानी के रह रहे थे। हमने कभी नहीं सोचा था कि जीवन में इस तरह की स्थिति का सामना करेंगे, लेकिन भगवान का शुक्र है कि हम जीवित हैं।’
इंडिगो ने सेवा देने की पेशकश की
सूडान की सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच गहन बातचीत के बाद 72 घंटे के युद्धविराम पर सहमति बनने के मद्देनजर भारत ने सूडान से भारतीयों को निकालने के अपने प्रयास तेज किए। 'ऑपरेशन कावेरी' के तहत भारत शरणार्थियों को सऊदी अरब के जेद्दा शहर ले जा रहा है, जहां से उन्हें देश वापस लाया जा रहा है। इस बीच, विमानन कंपनी ‘इंडिगो’ ने कहा कि उसने 'ऑपरेशन कावेरी' के तहत जेद्दा के लिए चार्टर उड़ान सेवाओं की पेशकश की है। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘हम अब भी यह उड़ान सेवा शुरू करने के लिए मंत्रालय से ब्योरे का इंतजार कर रहे हैं, अभी तक किसी चीज की पुष्टि नहीं हुई है।’
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आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें
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