Republic Day parade : इंडिया गेट पर दुनिया देखेगी भारत का 'सुपरपावर', सेना के शौर्य-पराक्रम का प्रदर्शन करेंगे स्वदेशी हथियार

Weapon Display from India Gate: ब्रह्मोस मिसाइल का नामकरण भारत की ब्रह्मपुत्र नदी के नाम पर इस मिसाइल का नाम पड़ा था। हालांकि इसे भारत की तीनों सेनाओं में पहले ही शामिल कर लिया गया है, लेकिन कर्तव्यपथ पर पहली बार इसके कनस्टर वर्जन को दिखाया जाएगा दरअसल मिसाइल कनेस्टर में बंद होने के बाद ज्यादा ड्यूरेबल हो जाते हैं।

brahmos missile

गणतंत्र दिवस परेड में स्वदेशी हथियार दिखाएंगे देश की ताकत।

Weapon Display from India Gate: इस बार का गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर स्वदेशी हथियारों की धमक दिखाई देगी, पहली बार कर्तव्य पथ पर पूरी तरह से भारत में निर्मित हथियारों को परेड में शामिल किया गया है, इनमें ब्रह्मोस मिसाइल का क्नेस्टर वर्जन, आकाश मिसाइल सिस्टम, नाग मिसाइल सिस्टम, K9 वज्र जैसे शक्तिशाली हथियार शामिल हैं। यहां उन स्वदेशी हथियारों के बारे में चर्चा करेंगे जो कर्तव्य पथ पर भारत की सेना का शौर्य प्रदर्शित करेंगे।

ब्रह्मोस मिसाइलभारत की ब्रह्मपुत्र नदी के नाम पर इस मिसाइल का नाम पड़ा था। हालांकि इसे भारत की तीनों सेनाओं में पहले ही शामिल कर लिया गया है, लेकिन कर्तव्यपथ पर पहली बार इसके कनस्टर वर्जन को दिखाया जाएगा दरअसल मिसाइल कनेस्टर में बंद होने के बाद ज्यादा ड्यूरेबल हो जाते हैं और इन्हें किसी भी परिस्थिति और मौसम में उपयोग के लिए जल्दी तैयार किया जा सकता है ,हाल ही में बंगाल की खाड़ी में इसका परीक्षण किया गया था।

BMP सारथआर्मर रेजिमेंट मूवमेंट के दौरान टैंक के साथ-साथ बीएमपी भी बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, यह बख्तरबंद गाड़ियां टैंक की तरह ही ताकतवर होती हैं। इसमें मुख्य तोप के साथ एयर डिफेंस सिस्टम भी लगाया जाता है और इसमें मौजूद सैन्य बल किसी भी तरह की असाल्ट राइफल की गोलियों से सुरक्षित रहता है।

एंटी टैंक मिसाइल सिस्टम नागलगभग 20 से लेकर 25 किलोमीटर दूर किसी भी ट्रेंक को तबाह करने के लिए नाग मिसाइल बेहद कारगर हथियार है, हालांकि अब इस के आधुनिक रूप में ध्रुववस्त्र बनाकर के हेलीकॉप्टर रूम में भी शामिल कर दिया गया है।

शॉर्ट स्पैन ब्रिज सिस्टमदलदल, नदी या पहाड़ी रास्ता जहां पर पुल बनाना संभव नहीं हो ,वहां ऐसे उपकरणों के इस्तेमाल से बहुत तेज गति से छोटी दूरी के पुलों का निर्माण किया जा सकता है। जिसके बाद थल सेना या फिर बख्तरबंद गाड़ियों को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।

वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली आकाश40 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तक यह डिफेंस सिस्टम बैलेंस्टिक, क्रूज मिसाइलों के साथ-साथ ड्रोन और लड़ाकू हवाई जहाजों को रोकने में सक्षम है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल जमीन से हवा में मार करने के लिए भी किया जाता है।

एमबीटी अर्जुन मार्क 1डीआरडीओ द्वारा निर्मित यह स्वदेशी मेन बेटल टैंक है। इससे पहले भारत में बैटल टैंक के रूप में और उसके द्वारा निर्मित टी-90 भीष्म का इस्तेमाल मुख्य तौर पर करता रहा है। यह टैंक ए डिफेंस सिस्टम ,रिएक्टिव आर्मर, बायोलॉजिकल और केमिकल सूट के साथ आता है।

मोबाइल सेक्युरिटी सिस्टमयुद्ध क्षेत्र में सूचनाएं सबसे महत्वपूर्ण होती हैं। ऐसे मैं आपकी जानकारी दुश्मन तक ना पहुंचे और आप का ब्लूप्रिंट पूरी तरह से सुरक्षित और कम्युनिकेशन के तहत काम करता रहे। इसलिए इस तरह के मोबाइल ऑपरेशन सिस्टम कम्युनिकेशन के लिए बहुत जरूरी हो जाते हैं।

क्विक एक्शन टीम वेहिकलभारतीय सशस्त्र बलों के द्वारा घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ जबकि मध्य भारत में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में इस तरह के वाहनों का उपयोग किया जाता है। पुलवामा के बाद बड़ी सेना के मूवमेंट के आगे और पीछे भी इसी तरह के वाहन को रखा जाता है, खास बात यह है कि यह पूरी तरह से बुलेट प्रूफ होने के साथ-साथ हल्की बारूदी सुरंग से भी सुरक्षित है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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