उफ्फ...ये टेंप्रेचर का टॉर्चर: फरवरी में ही क्यों जलाने-झुलसाने लगी जून जैसी गर्मी? जानिए

फरवरी के असामान्य रूप से गर्म रहने की वजह से गेहूं-रबी की फसल को नुकसान होने के साथ अल-नीनो के आने की आशंका है।

फरवरी इस साल अपनी असामान्य गर्मी के लिए भी याद किया जाएगा। दिल्ली में जहां इस माह अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया। 20 फरवरी को देश की राजधानी में साल 1969 के बाद से फरवरी का तीसरा सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया। वहीं, राजस्थान और गुजरात के कई इलाकों में टेंप्रेचर 40 डिग्री सेल्सियस को छू गया। आइए, समझते हैं कि आखिरकार फरवरी में इतनी गर्मी कैसे पड़ गई?:

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फरवरी, 2023 के गर्म होने के पीछे जो प्रमुख कारण माने जा रहे हैं, उनमें पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंसः भूमध्य सागर क्षेत्र में पनपने वाला तूफान, जिससे हिंदुस्तान में जनवरी-फरवरी में बारिश होती है) का कमजोर रहना भी है। मौसम से जुड़ा पूर्वानुमान लगाने वाली निजी कंपनी स्काईमेट वेदर के महेश पल्लावत की मानें तो फरवरी आते-आते वेस्टर्न डिस्टर्बेंस कमजोर हो गया।

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दूसरी वजह एंटी-साइक्लोन मूवमेंट है और इस बारे में आईएमडी के डीजी मृत्युंजय महापात्रा का मानना है कि इसके चलते सूर्य अपना तेवर फरवरी में दिखा रहा है। यह (एंटी-साइक्लोन मूवमेंट) गुजरात के ऊपर बन रहा है, जिससे हवा घड़ी के अनुसार वाली दिशा में घूम रही है। चूंकि, एंटी-साइक्लोन मूवमेंट से आकाश साफ रह रहा है और इसी वजह से गर्मी भी फिलहाल हो रही है।

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